बिना टिकट ट्रेन में नहीं की यात्रा, 9 माह में पैदल चल तमिलनाडु से पहुंचे रांची

रांची। घर जाने की जिद्द, अपनों का प्यार और गांव की मिट्‌टी की जब उन्हें याद आई तो पहुंच गए रेलवे स्टेशन। पर पास पैसे नहीं होने से बिना टिकट ट्रेन में यात्रा नहीं की। बल्कि पैदल ही निकल पड़े अपने घर की ओर। वो भी तमिलनाडु से रांची के लिए। नौ महीने में 2000 किलोमीटर की दूरी लगातार पैदल चलकर नापी और एक दिन पहुंच गए अपने घर। हम बात कर रहे हैं रांची से 45 किलोमीटर दूर बुंडू के पास चुतरू गांव निवासी मंगल सिंह मुंडा (50) के बारे में।

एक रात भाग निकले कंपनी से

करीब चार साल पहले मंगल अच्छी कमाई की चाहत में तमिलनाडु गए थे। मंगल और उनके परिजन काफी खुश थे कि अब उनकी स्थिति बदलेगी। पर हुआ कुछ और ही। मंगल जिस कंपनी में जॉब के लिए गए थे, वहां काम के घंटे निश्चित नहीं थे। लगातार काम करने के बाद भी उन्हें सैलरी नहीं मिलती थी। बस पेट भरने के लिए रूखा-सूखा खाना मिलता था। इतने दिनों में उन्होंने कंपनी का कबाड़ आदि बेचकर 2000 रुपए जमा किया। फिर एक रात वे रांची आने के लिए कंपनी से भाग निकले। रेलवे स्टेशन पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा। पर बदमाशों ने उनके पास मौजूद रुपए छिन लिए।

परिजनों ने समझा अब नहीं लौटेंगे

उनके हाथ में पैसे नहीं थे, जो वे ट्रेन का टिकट कटा पाते। उन्होंने बिना टिकट यात्रा करना मुनासिब नहीं समझा और पैदल ही सड़क मार्ग से अपने घर के लिए निकल पड़े। रास्ते भर कबाड़ चुनते और उससे जमा पैसों से पेट भरते। जहां रात होती, वहीं सो जाते। परिजन भी यह समझ बैठे थे कि अब वे नहीं लौटेंगे पर नौ महीने में मंगल अपने घर पहुंच गए।

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