जेटली ने कहा मुझे नहीं लगता है कि कोई चिंता की बात है .. सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बहुत हल्का रखा था जो 4.1 प्रतिशत घट कर चार प्रतिशत हो गया और (2015-16) के लिए 3.9 प्रतिशत रखा गया है। इस तरह यह कोई चिंता का विषय नहीं है।
GST के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार विपक्ष को राजी करने का प्रयास करेगी ताकि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार का यह विधेयक पारित हो सके। सरकार के पास राज्य सभा में आवश्यक बहुमत नहीं है।
सरकार ने जीएसटी एक अप्रैल 2016 से लागू करने की योजना बनाई थी। इसे आजादी के बाद सबसे व्यापक अप्रत्यक्ष कर सुधार माना जा रहा है। लेकिन अब इसके तय योजना के अनुसार लागू करना मुश्किल लग रहा है क्योंकि संविधान संशोधन विधेयक राज्य सभा में अटका है जहां सत्ताधारी राजग का बहुमत नहीं है।
कांग्रेस का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल संसद में हंगामा कर जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, वे मतदान नहीं करना चाहते। वे सिर्फ हंगामे को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, जहां तक वस्तु एवं सेवा कर का सवाल है सिर्फ एक ही चुनौती है क्योंकि यह संवैधानिक संशोधन है इसलिए हमें दो तिहाई बहुमत की दरकार है। यह पूछने पर कि क्या सरकार राजस्व लक्ष्य पूरा कर लेगी, उन्होंने कहा, हम अभी भी साल के बीच में हैं। हमारे पास अभी और साढ़े पांच महीने हैं। तीसरी और चौथी तिमाही कर वसूली की दृष्टि से हमेशा ही अधिक अच्छी रहती हैं।