विभाग के प्रस्ताव से सिर्फ वन विभाग सहमत नहीं है। महकमे का तर्क है कि महिलाओं के लिए जंगल में नौकरी सुरक्षित नहीं है। जंगलों में महिलाओं को अकेले भटकना पड़ेगा। वन विभाग ने इसी को आधार बनाते हुए वर्ष 2008 में महिला वनरक्षकों का आरक्षण 30 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत किया था। अभी वन महकमे में महिला रेंजर के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण लागू है, लेकिन इस पद पर भी वन महकमे ने आरक्षण में बढ़ोतरी करने से इंकार किया है।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री ने 19 मई 2015 को महिला पंचायत में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि इसके साथ दूसरी सरकारी नौकरियों में भी 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग का मामला अटका
मुख्यमंत्री ने 10 मई 2015 को बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में शिक्षा विभाग में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रस्ताव में इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में अभी सिर्फ अध्यापक संवर्ग के लिए 50 और अन्य पदों पर 33 फीसदी आरक्षण लागू है।
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सीधी बात: 50 प्रतिशत पर बाद में विचार
माया सिंह, मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग
– महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण कब तक लागू होगा।
महिला सशक्तिकरण के लिए हम यह निर्णय लेने जा रहे हैं। इसका प्रस्ताव बनाकर कैबिनट में भेज दिया है। जल्द ही मंजूर करा लिया जाएगा।
– वन विभाग महिलाओं को सशक्त मानने के लिए क्यों तैयार नहीं है।
(हंसते हुए) आप कैबिनेट में प्रस्ताव आने दीजिए। इसके बाद वहां संयुक्त रूप से इस पर विचार होगा।
– स्कूल शिक्षा विभाग में 50 फीसदी आरक्षण की घोषणा सीएम ने की थी, उसका क्या।
अभी 33 प्रतिशत तो मंजूर हो जाने दिजिए। उसके बाद इस पर भी विचार किया जाएगा।
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जंगल में कैसे कर सकेंगी नौकरी
महिलाओं के लिए जंगल में नौकरी करना परेशानी भरा होता है। यही वजह है कि पहले फारेस्ट गार्ड पर महिलाओं का आरक्षण 30 से कम कर 10 किया था। अभी रेंजर्स में 30 प्रतिशत आरक्षण है। उन्हें भी परेशानी आ रही है। नौकरी में आने के बाद हर महिला रेंजर्स ऑफिस में ही काम करना चाहती है। ऐसी स्थिति में मैदान में कौन काम करेगा। इसे ध्यान में रखते हुए वन महकमेमें आरक्षण बढ़ाने को लेकर आपत्ति जताई है।
नरेंद्र कुमार, पीसीसीएफ, वन मुख्यालय