दालों की कीमत नियंत्रण के लिए भंडार सीमा तय

नयी दिल्ली : दालों की जमाखोरी रोकने तथा कीमतों पर अंकुश लगाने के इरादे से केंद्र ने आयातकों, निर्यातकों, लाइसेंस प्राप्त खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं के साथ बिग बाजार जैसे बडे डिपार्टमेंटल दुकान चलाने वाले खुदरा विक्रेताओं के लिये भंडार सीमा आज नियत की. साथ ही राज्य सरकारों को जमाखोरी विरोधी कार्रवाई तेज करने तथा कारोबारियों द्वारा कालाबाजारी तथा मुनाफाखोरी पर लगाम लगाने का भी निर्देश दिया गया है. दालों की भंडार सीमा पिछले कुछ साल से नियत है. हाल ही में जिंस पर भंडार सीमा एक साल के लिये और बढाते हुए सरकार ने उक्त चार श्रेणियों को इससे छूट दे दी थी.

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दालों की उपलब्धता बढाने तथा जमाखोरी रोकने के लिये सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत आदेश में तत्काल प्रभाव से संशोधन किया है ताकि आयात के जरिये प्राप्त दलहनों, निर्यातकों के भंडार के साथ लाइसेंस प्राप्त खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं द्वारा कच्चे माल के रूप में उपयोग किये जाने वाले दलहनों तथा बडे डिपार्टमेंटल स्टोर के पास दालों के भंडार पर तत्काल प्रभाव से सीमा लगायी जा सके. सरकार ने अब इन चार श्रेणियों को दलहन भंडार सीमा से दी गयी छूट वापस ले ली है.

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट सचिव दैनिक आधार पर कीमत स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. ‘उन्होंने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये सभी विभागों को आवश्यक जिंसों खासकर दालों की कीमतों पर नजर रखने तथा सभी राज्यों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है.’ बयान में कहा गया है, ‘सभी राज्यों को जमाखारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने तथा व्यापारियों द्वारा की जा रही कालाबजारी तथा मुनाफाखोरी रोकने की सलाह दी जाती है.’ उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों में दालों की कीमतों में काफी उछाल आया है. इसका कारण घरेलू उत्पादन में कमी आना है.

कमजोर बारिश तथा बेमौसम बारिश से फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई-जून) में दालों का उत्पादन 20 लाख टन घटकर 1.72 करोड टन रहा. देश के अधिकतर भागों में खुदरा बाजार में तुअर दाल की कीमत 190 रुपये किलो तक पहुंच गयी है जो एक साल पहले 85 रुपये किलो थी. इसी प्रकार उडद दाल का भाव बढकर करीब 190 रुपये किलो पहुंच गया है जो एक साल पहले 100 रुपये किलो था.

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