प्रदेश में किसान बेहाल, 42 सौ करोड़ रुपए की फसल हुई बर्बाद

भोपाल। प्रदेश में लगातार चौथे साल भी किसान मानसून की मार और कीड़े लगने सेे 17 लाख किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। इससे 4 हजार 194 करोड़ रुपए की फसल के नुकसान का आंकलन लगाया गया है। कई जिलों में सोयाबीन, मूंग और उड़द की खड़ी फसलें खेतों में बखरनी पड़ी हैं।पूरे प्रदेश में सूखा प्रभावित 14 जिले के 13 हजार 25 गांवों में 17 लाख 35 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबा प्रभावित हुआ है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कलेक्टरों ने किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए 1 हजार 144 करोड़ रुपए की मां

ग सरकार से की है। ये आंकड़ा अगले एक सप्ताह में बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ज्ञात हो कि इस बार प्रदेश में 126 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल बोई गई हैं। फसलों में भारी नुकसान के बावजूद फसल बीमा का क्लेम लगभग 1 हजार करोड़ बनने की संभावना है।

गुरुवार देर शाम मंत्रालय में 34 जिलों की रिपोेर्ट पहुंची। इनमें 14 जिले की 89 तहसीलों में नुकसान बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सवा आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोई सवा दस लाख किसानों की 33 प्रतिशत से ज्यादा फसलें खराब हुई है। सात लाख किसानों की 25 से 33 फीसदी तक फसल खराब होने का आंकलन किया गया है। राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नुकसान का दायरा और बढ़ सकता है। कई क्षेत्रों में खेत के खेत खाली हो गए हैं। इसके अलावा दूसरा पक्ष ये है कि उत्पादन प्रभावित हुआ है। जहां एक एकड़ में पांच से छह क्विंटल सोयाबीन होता था वहां उत्पादन घटकर मात्र 90 से लेकर 130 किलोग्राम रह गया है।

किसानों के कर्ज माफ किए जाएं : भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश गुर्जर का कहना है कि कई साल से प्रकृति किसान की परीक्षा ले रही है। पिछले साल भी खरीफ की फसल किसानों के लिए घाटे का सौदा रही और इस बार भी बड़ा नुकसान हुआ है। किसानों के हाल-बेहाल हैं और वे हिम्मत हार रहे हैं। राहत राशि के अलावा किसानों के बिजली बिल और साहूकार या बैंक से लिया कर्ज माफी होने चाहिए। वहीं, साईंखेड़ा तहसील के तूमड़ा गांव के किसान सौरभ दीक्षित ने पांच एकड़ की मूंग, उड़द और सोयाबीन की फसल बखर दी। यलो मोजेक लगने से पूरी फसल पीली पड़ गई और फली ही नहीं आई। नर्मदा से सटा इलाका होने की वजह से ट्यूबवेल में पानी है, इसलिए जैसे-तैसे ध्ाान बची हुई है।

सोयाबीन, मूंग, उड़द को व्यापक नुकसान: कृषि विभाग ने पहली बार स्वीकार किया कि मौसम के उतार-चढ़ाव से पूर्वी और उत्तरी मध्यप्रदेश में फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। प्रमुख सचिव डॉ.राजेश कुमार राजौरा ने बताया कि सोयाबीन, मंूग और उड़द में क्षति अध्ािक है। ध्ाान बचाने की कोशिशें चल रही हैं। नहरें चलवाई जा रही हैं। राजस्व विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है पर ये 20 लाख हेक्टेयर तक हो सकता है।

515 करोड़ बंटेगा फसल बीमा मुआवजा : खरीफ की फसल से प्रभावित किसानों के लिए राहत कीखबर ये है कि उन्हें अगले दो हफ्ते के भीतर 515 करोड़ रुपए का फसल बीमा मिलेगा। ये राशि 4 लाख 25 हजार किसानों 2014 में प्रभावित हुई खरीफ फसलों के लिए वितरित की जाएगी। ज्ञात हो कि सरकार ने पिछले साल खरीफ में 24 लाख 54 हजार किसानों का बीमा कराया था। इस बार की फसल के लिए 35 लाख किसानों को बीमा हुआ है। किसानों ने 315 करोड़ का प्रीमियम भी जमा कर दिया है। कृषि विभाग के अध्ािकारों का कहना है कि एक हजार करोड़ रुपए के आसपास बीमा दावा बनेंगे।

कहां कितने किसान प्रभावित

जिला प्रभावित गांव प्रभावित किसान

दमोह1229244171

सिवनी1236102046

नरसिंहपुर1055122450

शहडोल1078

छिंदवाड़ा1393101107

सीहोर1062205175

सीधी106595854

आगर मालवा3335717

खंडवा709310

सागर2080377182

उमरिया1756

सिंगरौली 61453300

बैतूल1236214237

विदिशा1625253619

 

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