दिल्ली सरकार ने यदि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें मानीं तो राजधानी के विधायकों का वेतन आम आदमी के मुकाबले दस गुना हो जाएगा। समिति ने मंगलवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विधायकोंका मासिक वेतन वर्तमान में 88 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने की सिफारिश की है।
2014-15 के दौरान दिल्ली में प्रति व्यक्ति सालाना आय 2.41 लाख रुपये थी। इस हिसाब से यहां आम आदमी का औसत मासिक वेतन करीब 20 हजार रुपये है, जो विधायकों के प्रस्तावित वेतन से दस गुना कम है। लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय समिति ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल को यह रिपोर्ट सौंपी है। इसमें विधायकों का मूल वेतन 12 हजार रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 50 हजार करने की सिफारिश की गई है। अतिरिक्त भत्तों में भी 18 हजार से 50 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा विधायकों को सचिवालय कामकाज के लिए दिए दी जानी वाली राशि भी 30 हजार से बढ़ाकर 70 हजार रुपये करने की सिफारिश की गई है।
समिति के मुताबिक विधायकों के भ्रमण के लिए कम से कम 3 लाख रुपये का प्रावधान होना चाहिए। पेंशन 7500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15 हजार रुपये की जानी चाहिए। जल्द ही ये प्रस्ताव दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे। फिर इसे विधानसभा से पारित कराया जाएगा। ‘आप’ विधायकों द्वारा वेतन बढ़ाने की मांग के बाद यह समिति गठित की गई थी।
ये सिफारिशें भी शामिल
1. कार लोन की सीमा 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये की जाए
2. लैपटॉप, कम्प्यूटर, टैब या मोबाइल के लिए राशि 1 लाख रुपये की जाए
3. विधानसभा भत्ता 1000 की जगह 2 हजार रु. हो। अधिकतम 40 दिन हों
4. टेलीफोन, फैक्स व इंटरनेट के लिए 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएं
अन्य राज्यों में क्या हाल
यूपी : मार्च 2015 में वेतन 60 हजार से बढ़ाकर करीब एक लाख रुपये किया
बिहार : 2014 में वेतन-भत्ता 85 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.41 लाख कर दिया
झारखंड : 2015 में वेतन-भत्ता 1.16 लाख से 2.10 लाख रुपये किया गया
महाराष्ट्र : 2010 में 44 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया गया
आगे के लिए व्यवस्था
विशेषज्ञ समिति ने यह भी सिफारिश की है कि नए वेतन-भत्ते लागू होने के बाद हर 12वें महीने मूल वेतन में 10% यानी पांच हजार रुपये की बढ़ोतरी की जाए।
चार साल पहले बढ़ा था
2011 सितंबर में शीला दीक्षित सरकार ने विधायकों का वेतन 100% बढ़ाया था