बिहार के लोगों की ऐसी सोच के सामने आने के बाद चुनाव आयोग के लिए चुनौतियां काफी बढ़ गईं हैं। अब चुनाव आयोग मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहा है। चुनाव आयोग इस बार न केवल मतदान के लिए प्रेरित कर रहा है बल्कि मतदाताओं को आचार संबंधी सीख भी दे रहा है।
बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर लक्ष्मणनन कहते हैं, ‘यह एक चुनौती है। हमारा पूरा ध्यान मतदाताओं को वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के लिए जागरूक करने के साथ-साथ बिना किसी लालच के अपने विवेक से वोटिंग करने पर है।’
राज्य भर में इस संबंध में चुनाव आयोग की तरफ से कई पोस्टर्स व बैनर्स लगाए गए हैं। इसके अलावा प्रिंट मीडिया और रेडियो के लिए खास तौर पर विज्ञापन जारी किया गया है।
चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, पटना (सीआईएमपी) की मदद से जून-जुलाई में करवाए गए सर्वे में वोटिंग को लेकर मतदाताओं के व्यवहार के बारे में जानने की कोशिश की गई है। एसीईओ के अनुसार, मतदाताओं के व्यवहार व वोटिंग पैटर्न को जानने के लिए यह सर्वे करवाया गया था। इसके जो नतीजे आए, उन्हें जानने के बाद मतदाता जागरूक अभियान में सुधार के साथ बदलाव किए गए हैं।
सर्वे के लिए तकरीबन 4500 मतदाताओं को सैंपल के तौर पर लिया गया था। अधिक मतदान प्रतिशत वाली सीटों और कम मतदान प्रतिशत वाली सीटों से संतुलित तरीकों से वोटर्स सैंपल लिए गए।