शौचालय नहीं तो राशन नहीं, सीएमओ और सब इंजीनियर का वेतन रुका

जगदलपुर। नगर पंचायत बस्तर में शौचालय न बनवाने वालों को अब राशन नहीं मिलेगा। बस्तर एसडीएम के इस फरमान से हड़कंप मचा हुआ है। राशन दुकान संचालकों से कहा गया है कि वे शौचालय निर्माण के लिए हितग्राही द्वारा नगर पंचायत में जमा कराए गए एक हजार स्र्पए की रसीद देखकर ही उन्हें राशन दें।

गौरतलब है कि नगर पंचायत में 1630 परिवार हैं जिनके पास शौचालय नहीं हैं। एक शौचालय की लागत 20 हजार स्र्पए है। हितग्राही के अंशदान की राशि एक हजार स्र्पए तय है। शेष राशि नगर पंचायत मिलाकर शौचालय का निर्माण कराएगी। वहीं हितग्र्राही स्वयं शौचालय निर्माण करना चाहता है तो उसे 19 हजार स्र्पए की राशि दी जाएगी।

वेतन रुका

अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है जिसका खामियाजा नगर पंचायत के सीएमओ व सब इंजीनियर को उठाना पड़ा है। शासन ने इन दोनों का वेतन रोक दिया है।

तीन दुकान, दो हजार हितग्राही

राशन दुकान संचालक आशीष सोनी ने बताया कि नगर पंचायत बस्तर में तीन राशन दुकान हंै जहां हितग्राही परिवारों की संख्या करीब दो हजार है। निर्देश के तहत उन्हीं हितग्राहियों को अक्टूबर में राशन दिया जा रहा है जो नगर पंचायत से शौचालय के लिए एक हजार स्र्पए जमा करने का क्लियरेंस ला रहे हैं।

स्वच्छता के लिए शौचालय का निर्माण जरूरी है, लेकिन इसके लिए राशन रोके जाने के विषय में नगर पंचायत के अधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं।

शंकर बघेल, अध्यक्ष नगर पंचायत बस्तर

नगर पंचायत बस्तर में शौचालय निर्माण के लिए लोगों को लगातार समझाया जा रहा है जिसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला। अब तक एक भी शौचालय का निर्माण प्रारंभ नहीं हुआ है। राशन रोकने का मौखिक निर्देश दबाव बनाने का प्रयास है ताकि शौचालय निर्माण प्रारंभ हो। राशन रोका नहीं जा सकता।

इन्द्रजीत बर्मन, एसडीएम बस्तर

 

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