राजीव गांधी शिक्षा मिशन की रिपोर्ट के अनुसार डी श्रेणी पाने वाले सबसे अधिक ग्यारह स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के गृह ब्लाक बस्तर में हैं। इसके बाद बास्तानार व दरभा ब्लाक का नंबर आता है जहां दस-दस स्कूल डी श्रेणी के हैं। कसौटी में तोकापाल ब्लाक के स्कूल खरे उतरे हैं जहां डी ग्रेड में एक भी स्कूल नहीं है। स्कूलों में शिक्षा का स्तर जानने के इस अभियान से हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों को अलग रखा गया है।
अधिकारियों का मानना है कि निचले स्तर पर स्कूली शिक्षा का स्तर सुधरने पर हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी में शिक्षा की गुणवत्ता खुद ही ढर्रे पर आ जाएगी। शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के गृह जिले बस्तर में जिला प्रशासन ने कसौटी पर खरा न उतरने वाले एक तिहाई स्कूलों में में अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था और उसकी गुणवत्ता की सतत मानीटरिंग करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए रणनीति तय करने मंगलवार को कलेक्टोरेट में अधिकारियों की बैठक में कई घंटे मंथन हुआ। बुधवार को इस परिप्रेक्ष्य में जन प्रतिनिधियों को भी बुलाए जाने की खबर मिली है।