रायपुर। आरंग तहसील की 250 एकड़ भूमि में बोई गई दुर्गेश्वरी बीज की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। सरकार ने 70 किसानों को बीज के प्रचार-प्रसार के लिए बीज निगम के माध्यम से बीज की सप्लाई की थी, लेकिन समय से पहले बाली आने के बाद दाने झड़ गए, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी साल भर की मेहनत खराब हो गई है। पीड़ित 70 किसानों ने सरकार से 35 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा राशि देने की मांग की है।
किसान नेता पारस नाथ साहू ने मंगलवार को पत्रवार्ता लेकर फसल खराब होने की जानकारी दी है। श्री साहू के साथ काफी संख्या में किसान रायपुर पहुंचे थे। किसानों ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने यह बताया था कि धान 135 दिन में तैयार हो जाएगा। लेकिन 110 दिन में ही यह तैयार हो गया और बीमारी लगने से बाली झड़ गई। किसानों ने आरोप लगाया है कि अभनपुर बीज निगम से उनको संक्रमित बीज दिया गया था, इसलिए फसल खराब हो गई।
फसल खराब होने की पुष्टि कृषि विभाग के अधिकारियों ने की है और खेतों में जाकर पंचनामा भी तैयार किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन चावल योजना के तहत कृषि विभाग की ओर से आरंग तहसील के ग्राम भिलाई और बोरिद के किसानों को दुर्गेश्वरी का बीज निःशुल्क दिया गया था। लेकिन बीज संक्रमित होने के कारण किसानों की फसल चौपट हो गई है।
किसानों की शिकायत आई है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बीज दिया गया है। इसकी जानकारी राज्य खाद्य सुरक्षा मिशन से मांगी गई है। जानकारी आने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
-प्रताप राव कृदत्त, संचालक, कृषि विभाग