डेंगू का खतरा टला नहीं, स्वाइन फ्लू वाइरस 4 महीने रहेगा सक्रिय

रायपुर। प्रदेश में डेंगू का खतरा धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, क्योंकि पितृपक्ष, नवरात्रि में घर-घर सफाई होती है। सफाई में लार्वा मर जाते हैं, यानी ज्यादा से ज्यादा 10-15 दिन और। अब तक राजधानी रायपुर में डेंगू के 105 मरीज मिल चुके हैं। पिछले साल 8 जानें गई थीं, इस साल एक भी मौत नहीं हुई है। डेंगू खत्म हो रहा है, लेकिन ठंड के पहले ही स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है, जिसका एच-1 एन-1 वाइरस पूरे 4 महीने सक्रिय रहेगा। स्वाइन फ्लू से पैदा हुई स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।

हालांकि विभाग के अफसर अभी भी खुलकर स्वाइन फ्लू का खतरा स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जबकि डॉक्टर्स इसे अलर्ट करार दे रहे हैं। बीते महीनेभर में स्वाइन फ्लू वाइरस 4 संदिग्धों की जान ले चुका है, 4 वेंटिलेटर पर हैं और 20 से अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

जबकि 6 मरीजों में स्वाइन फ्लू वाइरस की पुष्टि हो चुकी है। 3 गंभीर मरीजों को एयर एंबुलेंस से दिल्ली शिफ्ट किया जा चुका है। डॉक्टर्स का साफ कहना है कि लक्षण का पता चले तो तत्काल चिकित्सकीय सलाह लें, देरी जानलेवा भी हो सकती है।

ठंड बढ़ने पर और फैलेगा वाइरस

स्वाइन फ्लू का वाइरस ठंड में ही सक्रिय रहता है। 35 डिग्री से ऊपर तापमान में इसकी सक्रियता नहीं रहती। नवरात्रि के साथ ही तापमान में गिरावट आएगी। दिन का तापमान भले ही कुछ दिनों तक अधिक रहे, लेकिन रात के तापमान में गिरावट शुरू हो चुकी है। इसलिए सावधानी बरतें।

बीमारी और उसके लक्षण

1- स्वाइन फ्लू- 4 संदिग्ध की मौत, 4 वेंटिलेटर पर और दर्जन भर सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

लक्षण- जो लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी में होते हैं, वही लक्षण स्वाइन फ्लू के हैं। इसलिए सर्दी-खांसी को नजरअंदाज न करें।

बचाव- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। खासकर वे, जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं। मेला, बाजार, धार्मिक उत्सव, सभाएं आदि में न जाएं। जाना जरूरी है तो मास्क जरूर लगा लें। इससे न सिर्फ खुद, बल्कि दूसरों की भी मदद होगी।

2- डेंगू- 105 पॉजिटिव, राजधानी में एक भी मौत नहीं ।

लक्षण- डेंगू एक वायरल बीमारी है। एडीज मच्छर किसी डेंगू पीड़ित मरीज का खून चूसता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर वह किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी डेंगू हो सकता है। अचानक तेज बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, मांस-पेशियों व जोड़ों में जबरदस्त दर्द प्रारंभिक लक्षण हैं। सांस में रुकावट होती है।

बचाव- इससे बचाव का कोई टीका नहीं है, इसलिए सजगता जरूरी है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। शरीर को ढंक कर रखें, खासकर अभी ठंड के मौसम में। पानी को घर के आसपास छत पर जमा न होने दें। घर का कचरा निश्चित जगह पर ही डालें। पानी की टंकियों को ढंक कर रखें, कूलर की नियमित सफाई करें।

3- मलेरिया- 50 से अधिक मरीज, मौत नहीं।

लक्षण- मलेरिया में कंपकंपी के साथ सामान्यया तेज बुखार, तेज सिरदर्द, पेट दर्द, उल्टी, भूख न लगने जैसी शिकायतें हो सकती हैं।

बचाव- घर में या आस-पास पानी जमा न होने दें। लक्षण समझ में आने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएं, खून की जांच करवाएं। बुखार आने पर एस्प्रिन, डिस्प्रिन, ब्रूफेन न लें। डॉक्टरी सलाह पर दवाओं का सेवन करें।

 

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