12.5% खाद्य पदार्थों में मिले बिना इजाजत वाले कीटनाशक

नई दिल्ली। सरकार की एक जांच में चावल, गेहूं, दाल, फल, सब्जी, दूध जैसे खाद्य पदार्थों में ऐसे कीटनाशक पाए गए हैं जिनके इस्तेमाल की इजाजत नहीं है। देशभर में खुदरा और थोक दुकानों से पिछले साल 20,618 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 12.5 फीसदी में ऐसे कीटनाशक पाए गए। यह खुलासा कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट में हुआ है। इसके मुताबिक 543 या 2.6 फीसदी सैंपल में अधिकतम सीमा से ज्यादा कीटनाशक मिले। यह सीमा खाद्य सुरक्षा अथॉरिटी एफएसएसएआई तय करती है। सब्जियों के 8,342 सैंपल में से 1,180 सैंपल में बिना इजाजत वाले कीटनाशक मौजूद थे। इसके अलावा 200 से ज्यादा सैंपल में तय सीमा से ज्यादा कीटनाशक पाए गए। दो फीसदी ऑर्गेनिक सब्जियों में भी ज्यादा मात्रा में कीटनाशक मिले। फलों के 1.8 फीसदी सैंपल में एफएसएसएआई की तय सीमा से ज्यादा पेस्टीसाइड थे। 225 सैंपल में अस्वीकृत रसायन पाए गए। चावल के 1,076 सैंपल में से 30 में अस्वीकृत और 68 में तय मात्रा से ज्यादा कीटनाशक पाए गए। गेहूं के 805 सैंपल में से 17 में डेल्टामेथ्रिन नामक कीटनाशक तय मात्रा से ज्यादा मिला।

 

दालों के 43 सैंपल में बिना इजाजत वाले कीटनाशक मौजूद थे। छह फीसदी सैंपल में अस्वीकृत कीटनाशक मिले। मसालों के 1,299 में से 732 सैंपल में बिना इजाजत वाले और 107 में तय मात्रा से ज्यादा कीटनाशक मौजूद थे।
ये कीटनाशक मिले 
एसिफेट, बाइफेन्थ्रिन, ट्राइएजोफोस, एसिटामिप्रिड, मेटालैक्सिल, मेलाथियन, कार्बोसल्फान, साइपरमेथ्रिन, प्रोफेनोफॉस, क्विनलफॉस, हेक्साकोनाजोल, कार्बरिल।
इनसे हो सकती हैं गंभीर बीमारियां 
ये कीटनाशक नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं। आंखों में और त्वचा पर जलन हो सकती है। कुछ कीटनाशकों से कैंसर हो सकता है तो कुछ से हमारे शरीर के हॉरमोन को नुकसान हो सकता है।

 

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