विवाह के बाद से ही सीमा लगातार शौचालय बनाने का कह रही थी। ससुराल पक्ष ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और आज तक शौचालय नहीं बनाया गया। इससे खफा होकर सीमा 19 माह पहले अपने मायके चली गई। सीमा के जाने के बाद उसके पति और अन्य परिजनों ने सीमा को वापस लाने के लगातार प्रयास किए, लेकिन वह नहीं आई। आखिरकार मोहन पटेल ने परिवार परामर्श केंद्र शाहपुर की शरण ली।
उसने केंद्र से उसकी पत्नी को वापस ससुराल बुलाए जाने की गुहार लगाई। केंद्र के परामर्शदाताओं ने विवाहिता को बुलाकर उसका पक्ष जाना। उसने अपनी यही मांग यहां भी दोहराई कि वह बस शौचालय बनवाना चाहती है। पुलिस अधीक्षक राकेश जैन ने बताया कि ससुराल पक्ष को शौचालय निर्माण के लिए एक महीने का समय दिया गया है। इससे एक परिवार बिखरने से बच जाएगा।