झारखंड– टीका के लिए 10गुणा अधिक हो रही वसूली

रांची: शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों को टीका लगाने के नाम पर अभिभावकों से 10 गुना पैसा वसूलते हैं. बच्चों की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए अभिभावक भी डॉक्टरों से बिना सवाल-जवाब के पैसे का भुगतान कर देते हैं. बीसीजी का टीका डॉक्टरों को 50 रुपये में मिलता है. यह मल्टी डोज टीका है, जिसके एक वायल से 10 बच्चों को टीका दिया जा सकता है. जबकि एक बच्चे को टीका दे कर डॉक्टर साहब 500 रुपये तक वसूलते हैं. यानी 50 रुपये के टीका पर 5,000 रुपये की कमाई हो जाती है. वहीं पोलियो का टीका लगाने के लिए 600 रुपये लिये जाते हैं, जबकि इसकी कीमत 190-290 रुपये है. पोलियो के एक वायल से 20 बच्चों काे ड्रॉप दिया जा सकता है. यानी एक वायल से कितनी कमाई हाे रही है, इसका अंदाज लगाया जा सकता है.

टीका लगाने की भी लेते हैं फीस : शिशु अस्पताल एवं क्लिनिक के टीका केंद्र में टीका की कीमत के अतिरिक्त उसे लगाने का चार्ज भी लिया जाता है. यह शुल्क 100 से 200 रुपये तक होता है. कई अस्पताल एवं क्लिनिक में टीका लगाने का शुल्क टीके की कीमत में जोड़ कर रखा जाता है. यहां अभिभावकों को यह बताया जाता है कि टीका लगाने का चार्ज आपसे नहीं लिया जा रहा है. टीका डॉक्टर साहब लगा रहे हैं, इसके बावजूद आपसे पैसा नहीं मांगा जा रहा है.

छुपा लेते हैं आयकर व सेवा शुल्क : जानकारों की मानें तो अस्पताल व क्लिनिक में वैक्सीन के नाम पर की गयी कमाई डॉक्टर की आय में नहीं जुड़ती है. भले ही वे टीका लगाने के नाम पर महीने में मोटी कमाई करते हों. इसके अलावा बच्चों को टीका लगाने के एवज में पैसे लिये जाते हैं. जानकार कहते हैं…ऐसे में उनको सर्विस टैक्स देना चाहिए, लेकिन इस शुल्क को डॉक्टर साहब छुपा लेते हैं.

चार प्रतिशत की छूट अलग : डॉक्टर को टीका के एमआरपी से कम कीमत पर टीका उपलब्ध कराया जाता है. इसके बाद भी वे अलग से तीन से चार प्रतिशत की छूट लेते हैं. जैसे बीसीजी के टीका का एमआरपी 58 रुपये है, तो डॉक्टर साहब को यह 50 रुपये में मिलता है. इसके बाद चार प्रतिशत की छूट मिलने पर यह टीका डॉक्टर को 48 रुपये में पड़ता है.

रांची: शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों को टीका लगाने के नाम पर अभिभावकों से 10 गुना पैसा वसूलते हैं. बच्चों की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए अभिभावक भी डॉक्टरों से बिना सवाल-जवाब के पैसे का भुगतान कर देते हैं. बीसीजी का टीका डॉक्टरों को 50 रुपये में मिलता है. यह मल्टी डोज टीका है, जिसके एक वायल से 10 बच्चों को टीका दिया जा सकता है. जबकि एक बच्चे को टीका दे कर डॉक्टर साहब 500 रुपये तक वसूलते हैं. यानी 50 रुपये के टीका पर 5,000 रुपये की कमाई हो जाती है. वहीं पोलियो का टीका लगाने के लिए 600 रुपये लिये जाते हैं, जबकि इसकी कीमत 190-290 रुपये है. पोलियो के एक वायल से 20 बच्चों काे ड्रॉप दिया जा सकता है. यानी एक वायल सेकितनी कमाई हाे रही है, इसका अंदाज लगाया जा सकता है.

टीका लगाने की भी लेते हैं फीस : शिशु अस्पताल एवं क्लिनिक के टीका केंद्र में टीका की कीमत के अतिरिक्त उसे लगाने का चार्ज भी लिया जाता है. यह शुल्क 100 से 200 रुपये तक होता है. कई अस्पताल एवं क्लिनिक में टीका लगाने का शुल्क टीके की कीमत में जोड़ कर रखा जाता है. यहां अभिभावकों को यह बताया जाता है कि टीका लगाने का चार्ज आपसे नहीं लिया जा रहा है. टीका डॉक्टर साहब लगा रहे हैं, इसके बावजूद आपसे पैसा नहीं मांगा जा रहा है.

छुपा लेते हैं आयकर व सेवा शुल्क : जानकारों की मानें तो अस्पताल व क्लिनिक में वैक्सीन के नाम पर की गयी कमाई डॉक्टर की आय में नहीं जुड़ती है. भले ही वे टीका लगाने के नाम पर महीने में मोटी कमाई करते हों. इसके अलावा बच्चों को टीका लगाने के एवज में पैसे लिये जाते हैं. जानकार कहते हैं…ऐसे में उनको सर्विस टैक्स देना चाहिए, लेकिन इस शुल्क को डॉक्टर साहब छुपा लेते हैं.

चार प्रतिशत की छूट अलग : डॉक्टर को टीका के एमआरपी से कम कीमत पर टीका उपलब्ध कराया जाता है. इसके बाद भी वे अलग से तीन से चार प्रतिशत की छूट लेते हैं. जैसे बीसीजी के टीका का एमआरपी 58 रुपये है, तो डॉक्टर साहब को यह 50 रुपये में मिलता है. इसके बाद चार प्रतिशत की छूट मिलने पर यह टीका डॉक्टर को 48 रुपये में पड़ता है.

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