जिले में 2680 आंगनबाड़ी केन्द्र मौजूद है। 692 ग्राम पंचायत ऐसी हैं जिन्हें नवा जतन योजना के माध्यम से चिन्हित किया गया और बच्चों में कुपोषण दूर करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए चरणबद्घ तरीके से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वर्तमान में चतुर्थ चरण के तहत कार्य हो रहा है। विभाग द्वारा 481 पंचायतों को कुपोषण से मुक्त किए जाने का दावा किया जा रहा है। इधर, बताया गया है कि 211 ग्राम पंचायतों में अब भी बच्चे कुपोषण की मार झेल रहे हैं। कुपोषण पर नजर रखने के लिए सभी विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बावजूद इसके इन गांवों में कुपोषित बच्चों की बड़ी संख्या है।
शहर में चल रहा अभियान
शहर में कुपोषित नौनिहालों को नवा जतन का लाभ दिलाने के लिए कई दिनों से पंजरी प्लांट क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल ने बताया कि इस योजना तहत शहरी व आसपास की ग्रामीण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कुपोषितों को इसका लाभ दिला सकें। 2012 में शुरू हुआ नवाजतन का परिणाम उत्साहजनक नहीं रहा है। शुरुआती दौर में इस काम में कई एनजीओ को सम्मिलित किया गया था।
फैक्ट फाइल
परियोजना का नाम ग्रापं की संख्या मध्यम कुपोषित गंभीर कुपोषित
घरघोड़ा 15 317 158
तमनार 15 203 154
रायगढ़ ग्रामीण 16 271 90
बरमकेला 13 182 112
रायगढ़ शहरी 5 88 51
पुसौर 21 243 109
सारंगढ़ 20 217 118
धरमजयगढ़ 15 129 226
लैलूंगा 13 269 108
खरसिया 19 307 140
खरसिया 19 307 140
लेंध्रा 20 228 107
कोसीर 12 113 182
कापू 17 199 201
मुकडेगा 10 168 112
विभाग इस दिशा में प्रयास कर रहा है। नवाजतन कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है।
अनिता अग्रवाल
जिला कार्यक्रम अधिकारी
महिला एवं बाल विकास