अंतरराष्ट्रीय बाजार तय करने लगा सब्जियों की कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार से सब्जियों की कीमतें तय होने लगी हैं। प्याज के बढ़ते दामों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने जहां उसका आयात कर भाव पर लगाम कसने की कोशिश की, वहीं टमाटर को लेकर भी व्यापारियों को इसी बात का डर सता रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जिले की सब्जी मंडी में जो भी आवक टमाटर की शुरू हुई है, वह प्रारंभिक है। आगे पानी से तय होगा कि पैदावार कैसी होगी। ऐसे में यदि आवक घट जाती है और सरकार ने प्याज की ही तरह टमाटर का आयात शरू कर दिया तो फिर करोबार घटने के आसार बन जाएंगे।
1 बीघा में 80 से 90 हजार का टमाटर
-एक बीघा खेत में 80 से 90 हजार का टमाटर होता है।
– 50 रुपए प्रति क्रेट से टमाटर की खरीदी होती है, जो सीजन खत्म होने तक 400 रुपए प्रति के्रट तक पहुंचती है।
– जिले में कुल 2 लाख बीघा क्षेत्रफल में टमाटर की फसल की बुवाई हुई है। इस लिहाज से व्यापारी इस बार दो से ढाई हजार करा़ेड के व्यवसाय होने का अनुमान लगा रहे हैं।
प्याज ने भी ता़ेडा रिकॉर्ड
जिले में इस बार प्याज ने भी रिकॉर्ड ता़ेड दिया है। सब्जी व्यवसायी बिल्लू चावला के मुताबिक इस बार प्याज 6 रुपए प्रतिकिलो की दर से व्यापारियों ने खरीदना शुरू की थी, जिसे बाद में 30 रुपए किलो तक खरीदा गया। जिले में वर्ष 2014-15 में करीब 250 करा़ेड का व्यापार हुआ है। टमाटर और प्याज को मिलाकर एक सीजन में करीब 1800 से 2000 करा़ेड का व्यापार जिले के व्यापारियों ने किया है।
इलाके में सब्जी बना उद्योग
इलाके में सब्जी सबसे बड़ा उद्योग बनता जा रहा है। सब्जी मंडी अध्यक्ष मो. इरशाद खान का कहना है कि सरकार बड़े-बड़े उद्योग और फैक्ट्रियां लगाने के लिए समिट कर रही है, लेकिन खेती के लिए यदि उचित पानी का प्रबंध कर दिया जाए तो बिना किसी बड़े निवेश के ही हजारों करोड़ रुपए का धंधा इस इलाके से होने लगेगा, जरूरत सिर्फ खेती को उद्योग की शक्ल देने की ही है।
पथरीले इलाके को पानी की जरूरत
जिले में अभी भी डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन बंजर पड़ी है। करीब 5 से 7 लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती की जा रही है। पूरा इलाका पथरीला है। यदि सरकार नलकूप, बावड़ी, तालाब और डैमबनाकर इलाके से पानी की समस्या को खत्म कर दे तो इस इलाके में टमाटर, कद्दू, प्याज की बंपर आवक है। जरूरत सिर्फ पानी की है। इस वर्ष जिले में सामान्य औसत वर्सा से करीब 100 मिमी बारिश कम हुई है। इसलिए व्यापारियों द्वारा आंका गया कुल कारोबार का अनुमान प्रभावित हो सकता है।
शिवपुरी जिले में कुल 2 से ढाई हजार करोड़ रुपए का टमाटर कारोबार होने का अनुमान है। यहां सब्जी एक उद्योग की शक्ल धारण करती जा रही है। फिलहाल टमाटर की आवक जरूर शुरू हुई है, लेकिन कम पानी के चलते वह दाग वाला आ रहा है। पिछले वर्ष भी टमाटर व्यवसाय लगभग 1500 करोड़ के आसपास रहा था। मो. इरशाद खान, अध्यक्ष सब्जी मंडी।