जयपुर। सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन इंटरनेट डॉट ओआरजी का प्रमोशन इन दिनों टीवी पर खूब देखा जा रहा है। यह प्रमोशन लुभाए भी क्यों न, आखिर इसमें सभी को मुफ्त इंटरनेट देने का वादा जो किया गया है, पर या इस वादे में दम है? क्या सच में जुकरबर्क रिलायंस टेलिकॉम के साथ मिलकर इंटरनेट चैरिटी पर निकल पड़े हैं? इस पोस्ट में पढ़ें इंटरनेट डॉट ओआरजी का पूरा सच
– बेशक ऎसा लगता है कि इंटरनेट डॉट ओआरजी मुनाफे की दौड़ से हटकर गरीबों को इंटरनेट की सुविधा देने का प्रयास है, लेकिन अंतत: तो यह बिजनेस वेंचर ही है।
– इस बिजनेस वेंचर का प्रॉफिट एडवर्टीजमेंट से आ रहा है।
– यही नहीं इसमें रिलायंस का भी फायदा है। मुफ्त इंटरनेट के चक्कर में उसे नए ग्राहक मिलेंगे और फिर वही ग्राहक उन वेबसाइट्स के लिए पैसे भी देंगे जिन्हें वे इंटरनेट डॉट ओआरजी के पैकेज में मुफ्त नहीं देख सकते।
– इंटरनेट डॉट ओआरजी की मुफ्त इंटरनेट सर्विस केवल रिलायंस यूजिर्स के लिए है।
– यह केवल मुफ्त में फेसबुक चलाने की सुविधा देती है वह भी चुनिंदा प्लैटफॉर्म्स पर।
– हर किसी को इंटरनेट पर लाने की बजाए इंटरनेट डॉट ओआरजी का मकसद सबको फेसबुक पर लाना है।
– असल में यह लोगों को इमोशनली ब्लैकमेल कर रहा है और उन्हें यह यकीन दिला रहा है कि वे उन लोगों तक इंटरनेट पहुंचा रहे हैं, जिनके पास इस पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं है।
– सच यह है कि उपभोक्ता अनजाने में न केवल इंटरनेट डॉट ओआरजी को मुनाफा दिला रहे हैं, बल्कि उसे यह पावर भी दे रहे हैं कि वह लोगों के इंटरनेट एक्सेस पर भ्भी कंट्रोल कर सके।