राजस्थान सरकार ने इस बार दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर राजस्थान के सभी सरकारी कॉलेजों में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया था। इन शिविरों में युवाओं से रक्तदान कराया जाना था। सरकार ने पहले एक लाख यूनिट रक्त एकत्र करने का लक्ष्य बनाया था, लेकिन फिर इसे घटा कर 21 हजार युनिट कर दिया गया।
युवाओं के स्वास्थ्य की सबसे बुरी हालत डूंगरुपर जिले में सामने आई। यह राजस्थान का आदिवासी जिला है जहां 80 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी है। यहां पूरे जिले में करीब पांच हजार युवाओं ने रक्तदान के लिए फार्म भरा था। निर्धारित तिथि पर 25 सितम्बर को जब रक्तदान के लिए युवाओं को बुलाया गया तो 90 युवा रक्तदान के लिए आवश्यक स्वास्थ्य मानकों को पूरा नहीं कर पाए। रक्तदान के लिए 48 किलों से ज्यादा वजन और हीमोग्लोबीन 12.5 से ज्यादा होना जरूरी है, लेकिन स्वाथ्य जांच में ज्यादातर अनफिट पाए गए।
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीपी वर्मा का कहना है कि युवाओं के स्वास्थ्य की यह स्थिति को देखते हुए अब विभाग की ओर से यहां कॉलेजों में भी न्यूट्रीशन दवाइयां वितरित की जाएंगी और युवाओं को स्वाथ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा।