इसकी शुरुआत शुक्रवार को दिल्ली से हो गई है। यह अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा। ऐसे ही एक शिविर में प्रधानमंत्री भी शिरकत करेंगे। वैसे सरकार की इस अति सक्रियता को बिहार चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
बिहार में 12 अक्टूबर से मतदान शुरू होना है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि सभी सरकारी बैंकों को कहा गया है कि जिन गांवों या शहरों में उनकी शाखाएं हैं, वहां मुद्रा लोन बांटने के लिए शिविर लगाना शुरू कर दें। शिविर में अधिक से अधिक लोगों को मुद्रा लोन देने के निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक हलके में ऐसी चर्चा चल रही है कि इस अभियान में बिहार पर कुछ विशेष ही ध्यान रहेगा। भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि अधिक से अधिक लोगों को शिविर तक लाकर लोन दिलवाने में मदद करें।
अधिकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो अक्टूबर को झारखंड के दुमका में अभियान का समापन करेंगे। मुद्रा योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के और छोटे कारोबारियों को एक हजार से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है। यह लोन बिना जमानत के 10 फीसदी ब्याज दर पर मिल रहा है।
अभी सरकार की तरफ से बैंकों पर अधिक से अधिक लोन बांटने का दबाव है। ऐसे में माना जा रहा है कि लाभार्थियों को लोन लेने में कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। यह योजना इस साल आठ अप्रैल को लांच की गई थी।