कोलकाता यूनिवर्सिटी : सरकारी फंड को ब्‍याज पर लगा रहे हैं अध्‍यापक

कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर सरकारी फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है. विश्वविद्यालय से शिक्षकों ने अग्रिम राशि व विभिन्न कारणों से रुपये लिये थे, लेकिन उन रुपयों को अधिकतर शिक्षक वापस नहीं कर रहे. आरोप है िक वे उन विश्वविद्यालय से रुपये लेकर उसे ब्याज पर लगा रहे हैं. अब इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सभी अध्यापकों को तीन महीने के अंदर बकाया रुपये वापस करने का निर्देश दिया है.

 

जानकारी के अनुसार, यूनिवर्सिटी के ऑडिट जनरल रिपोर्ट से पता चला है कि अध्यापकों ने यहां से लगभग 16 करोड़ रुपये लिये हैं और इस राशि को बैंकों में जमा कर वह ब्याज कमा रहे हैं. इसकी जानकारी यूनिवर्सिटी के नये कुलपति सुगज मारजीत को भी दी गयी है, लेकिन उन्होंने भी इस संबंध में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. बताया जाता है कि कई अध्यापकों ने प्रबंधन से कई बार अग्रिम राशि ली है. ब्याज देना तो दूर, अध्यापक मूलधन भी वापस नहीं कर रहे हैं. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के कार्य से टूर पर जाने, प्रोजेक्ट कार्य व सेमिनार के आयोजन के लिए भी अग्रिम राशि ली गयी है, लेकिन कितना रुपया खर्च हुआ और कितना बचा, इसका हिसाब कभी नहीं दिया गया. 
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि अब तक यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने रुपये को वापस लेने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं की. एक बार फंड रिलीज होने के बाद उसका हिसाब रखनेवाला कोई नहीं है. यूनिवर्सिटी प्रबंधन की अब आंख खुली है. बकाया लेने वाले सभी अध्यापकों को तीन महीने के अंदर रुपया वापस करने को कहा गया है. इसके साथ ही यह भी निर्देश जारी किया गया है कि जिन लोगों ने पहले से ही दो बार अग्रिम राशि ली है, वह जब तक पुराना बकाया जमा नहीं करते हैं, तब तक उनको अग्रिम राशि नहीं दी जायेगी.

 

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