सूबे में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना (एनएचआरएम) के तहत हुआ घोटाला, यहां सीबीआई की अब तक की सबसे बड़ी जांच बनी हुई है। इसमें बसपा सरकार के काबीना मंत्रियों से लेकर उच्च प्रशासनिक की मिलीभगत सामने आ चुकी है। खुलेआम नियमों की अनदेखी और मनमाना काम किया गया। इतना ही नहीं बगैर काम भुगतान भी दिया गया।
अपने लोगों के ठेके दिए और काम करने के लिए अग्रिम भुगतान भी। चुनिंदा फर्मों व कंपनियों से अधोमानक दवाएं और उपकरण खरीदे गए और बाजार दर से आठ गुना अधिक भुगतान किया गया। हर काम हुआ, मगर कमीशन के साथ।
शिकायत हुई तो जांच भी लेकिन जो तथ्य सामने आए, उसने सिर्फ सियासी ही नहीं प्रशासनिक हलके में सबको सकते में ला दिया। घोटाला एक-दो करोड़ का नहीं बल्कि साढ़े पांच हजार करोड़ से अधिक का निकला। अभी इसके और बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
सीबीआई इस मामले में अब तक 76 से अधिक मुकदमे दर्ज कर चुकी है। घोटाले की जांच कर रहे अधिकारियों ने माना था कि घोटाला कई वर्षों से चल रहा था। पर, वर्ष 2010 व 11 में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी।