दिल्ली: डेंगू से मरने वालों की संख्या 21 हुई, अस्पतालों में रद्द हुए नियमित आॅपरेशन

राजधानी में डेंगू ने चार और जिंदगियों को निगल लिया है। इसके साथ ही डेंगू से मरने वालों की तादात 21 पहुंच गई है। दिल्ली सरकार के गुरु तेगबहादुर अस्पताल सहित तमाम अस्पतालों में नियमित तौर पर होने वाले ऑपरेशन रोक दिए गए हैं। डॉक्टरों व बिस्तरों को डेंगू मरीजों के इलाज में लगाने का फैसला किया गया है। इस बीच दिल्ली सरकार ने राजधानी में 55 फीवर क्लीनकि चलाने का एलान किया है। ये क्लीनिक तमाम इलाकों में सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक चलेंगे। दिल्ली में बारिश होने के साथ ही डेंगू के और अधिक फैलने की आशंका बढ़ गई है। इस बीच अस्पतालों में रक्तदान क रने वालों का आना जारी है। दिल्ली सरकार ने निजी व सरकारी अस्पतालों में सोमवार तक बिस्तरों की संख्या में करीब 1000 की बढ़ोतरी करने को कहा है। इस बीमारी पर सियासत भी जारी है। आप ने दिल्ली नगर निगम पर हल्ला बोला तो आप सरकार के मंत्री ने दिल्ली के सांसदों पर निशाना साधा। डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मच्छर से होने वाली यह बीमारी इस कदर पांव पसार चुकी है कि किसी को भी बुखार होने पर पूरा परिवार दहशत से भर जा रहा है। इस बीमारी की चपेट में आई मरीज सरोज (28) ने राजधानी के लालबहादुर शास्त्री अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो बच्चों की मां सरोज त्रिलोकपुरी की रहने वाली थीं। उनका यहां पिछले चार दिनों से इलाज चल रहा था। सरोज के परिजनों ने बताया कि उनका प्लेटलेट्स लगातार गिरते हुए 26 हजार पर आ गया था। अस्पताल में बिस्तरों की संख्या तो बढ़ाई गई लेकिन प्लेटलेट्स का इंतजाम नहीं है जिससे मरीजों को बाहर से प्लेटलेट्स लेने के लिए भटकना पड़ रहा है। सरोज के परिजन भी प्लेटलेट्स के लिए भटक रहे थे। लेकिन जब तक इसका इंतजाम हुआ सरोज की सांसें टूट चुकी थीं। इसके पहले दक्षिणी दिल्ली के रहने वाले हरीश की दक्षिणी दिल्ली के ही बत्रा अस्पताल में मौत हो गई। हरीश के परिजनों का आरोप है कि हरीश का यहां पर सही ढंग से इलाज नहीं किया गया। उन्हें पहले मालवीय अस्पताल ले जाया गया जहां पर एक सूई लगाई और दवा देकर भेज दिया गया। लेकिन उन्हें आराम नहीं मिला तो बत्रा अस्पताल में भर्ती कराया था। हरीश की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से होने के आरोप पर अस्पताल के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार चतुर्वेंदी ने बयान जारी कर कहा कि हरीश को पहले डॉक्टरों ने भर्ती करके उसकी हालत स्थिर करने की कोशिश की क्योंकि उसे यकृत (लीवर) की गंभीर बीमारी थी। उसके बाद उसकी डेंगू की जांच की गई जिसमें पाया गया कि उसे डेंगू था और यह काफी पहले से था। डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। इस बीच उसके हाथ-पांव और चेहरे में सूजन आ गई थी। उधर, रजोकरी इलाके के रहने वाले प्रवीण (25) की भी इस बीमारी से मौत हो गई। प्रवीण के पिता ने बताया कि वे इतने स्वस्थ थे कि खुद से चलकर जगशांति अस्पताल में जांचके लिए पहुंचे। अस्पताल ने भर्ती कर डेंगू क ा इलाज शुरू कर दिया था। लेकिन जब उनका प्लेटलेट्स गिरने लगा तो डाक्टरों ने कहा कि उन्हें किसी और अस्पताल ले जाइए। इसके बाद उन्हें मेदांता में भर्ती कराया गया। लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। हालांकि उनकी मौत 16 सितंबर को ही हो गई थी, लेकिन अब उसकी पुष्टि हुई है। इस बीच राजधानी के तमाम अस्पतालों में आने वाले बुखार से पीड़ित मरीजों की तादात कई हजार हो गई। जीटीबी अस्पताल में शनिवार को 38 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई। अस्पताल के चिकि त्सक डाक्टर अमितेश अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल में सभी नियमित होने वाले आॅपरेशन रद्द कर दिए गए हैं। लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इस दिन 26 मरीजों में डेंगू का संक्रमण पाया गया। इसके साथ ही रावतुलाराम अस्पताल में नौ और बाड़ा हिंदूराव में भी इतने ही मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इन अस्पतालों में भी नियमित तौर पर होने वाले आॅपरेशन रद्द कर दिए गए हैं। सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों को इसी काम में लगाया गया है। बारिश के साथ बरसा खौफ: राजधानी में शनिवार सुबह तेज बारिश होने के बाद आने वाले समय में और बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के इस आकलन ने दिल्ली की पेशानी पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। इससे जलजमाव व मच्छर के लार्वा और पनपने की आशंका बढ़ गई है। इससे आनेवाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। डेंगू से लड़ रहे हम और वे मना रहे रंगरेलियां… दिल्ली की आप सरकार के मंत्री संदीप कुमार ने शनिवार को एक जनसभा में कहा कि कहां गए वो एलजी और कहां गए वो दिल्ली से जीतकर आने वाले भाजपा के सातों सांसद? दिल्ली की जनता और हम डेंगू से लड़ रहे हैं और सांसद विदेशों में रंगरेलियां मना रहे हैं। कुमार ने कहा कि जंग इस मामले में कुछ तो बोलें। उन्होंने अस्पतालों और डॉक्टरों को भी निशाना बनाते हुए कहा कि अस्पताल वालों की औकात नहीं है कि वे आपको इलाज करने से मना कर दें। उनके लाइसेंस जब्त करवा लेंगे। बाद में उन्होंने तल्ख भाषा के लिए माफी भी मांगी। वहीं आप के प्रदेश संयोजक दिलीप पांडेय ने कहा कि मंत्री संदीप की भाषा नहीं उनके भाव को समझें।

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