घरेलू खाद्य तेल उद्योग और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए यह फैसला किया गया है। हालांकि इसके बाद खाने का तेल थोड़ा महंगा हो जाएगा। इंडस्ट्री ने कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 25 फीसदी करने और रिफाइंड तेल पर 45 फीसदी करने की मांग उठाई थी।
पिछले 1.5 साल में आयातित कच्चा खाद्य तेल की कीमतों में 35 फीसदी गिरावट आई है। इस दौरान रिफाइंड खाद्य तेल के आयात भाव में 45 फीसदी की कमी आ चुकी है। जाहिर है, आयातित खाद्य तेल काफी सस्ता पड़ रहा था। इससे घरेलू खाद्य तेल उद्योग की परेशानी बढ़ गई थी। हालात इस कदर खराब हो गए थे कि घरेलू तेल इंडस्ट्री का उत्पादन क्षमता से 20-30 फीसदी कम हो रहा था।