हालांकि, खाद्य खंड में मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने शून्य से 1.13 प्रतिशत नीचे के स्तर पर रही. आलू की मदद से सब्जियों की कीमत शून्य से 21.21 प्रतिशत नीचे रही. आलू की मंहगाई दर शून्य से 51.71 प्रतिशत नीचे रही. ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति शून्य से 16.50 प्रतिशत नीचे रही जबकि विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अगस्त में शून्य से 1.92 प्रतिशत नीचे रही.
दलहन और प्याज के अलावा अगस्त में महंगे होने वाले खाद्य उत्पादों में अंडा, मांस-मछली (3.30 प्रतिशत), दूध (2.08 प्रतिशत) और गेहूं (2.05 प्रतिशत) शामिल हैं. जून का मुद्रास्फीति का आंकडा संशोधित होकर शून्य से 2.13 प्रतिशत नीचे आ गया जबकि अस्थाई अनुमान शून्य से 2.40 प्रतिशत नीचे का था. रिजर्व बैंक आम तौर पर मौद्रिक नीति का फैसला करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति के ध्यान में रखती है.
केंद्रीय बैंक अगली समीक्षा 29 सितंबर को करने वाला है. खुदरा मुद्रास्फीति का आंकडा भी शाम तक जारी होने वाला है. जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 3.78 प्रतिशत रही. आरबीआइ आने वाले दिनों में मुद्रास्फीति के आंकडों पर और स्पष्टता चाहता था इसलिए चार अगस्त को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखा था.