फसल की बरबादी से आपा खोने लगे किसान

धमतरी(ब्यूरो)। सूखे की मार झेल रहे किसानों के सब्र का बांध टूटने लगा है। बारिश न होने से फसलों की बरबादी और कर्ज से परेशान किसानों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। धमतरी में शुक्रवार को महानदी मुख्य नहर में उतरकर किसानों ने प्रदर्शन किया और नहर से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने की मांग बुलंद की।

खेतों में मरती फसल को देखकर खून के आंसू रो रहे धमतरी के छाती और आसपास के 8-10 गांवों के किसानों ने छाती में महानदी मुख्य नहर में प्रदर्शन किया। कई किसान तो नारेबाजी करते हुए महानदी मुख्य नहर के पानी में उतर गए। शुक्रवार को सुबह 9 बजे से दोपहर ढाई बजे तक किसानों ने प्रदर्शन किया। गुरुवार को किसानों ने महानदी मुख्य नहर में रायपुर नगर निगम के पेयजल के लिए चल रहे पानी को रोकने नहर में लोहे का एंगल डालकर हेडअप बना दिया था।

शुक्रवार सुबह छाती, सेचचुआ, उड़ेना, झिरिया, बोदाछापर, कांशीपुरी, गोपालपुरी, बिजनापुरी, गागरा, बोड़रा सेमरा समेत आसपास के गांव के किसान ग्राम छाती में नहर के किनारे एकत्रित हुए। किसान यहां हेडअप को और विस्तृत कर पानी रोकने के बाद उसे अपने खेतों तक ले जाने के लिए आए थे। जानकारी होने पर धमतरी एसडीएम जीआर राठौर, तहसीलदार पुष्पेन्द्र शर्मा, जल संसाधन विभाग के ईई एसके ताम्रकार और बड़ी संख्या में पुलिस बल लेकर मौके पहुंचे।

जलसंसाधन विभाग ने नहर में पानी रोकने लोहे के एंगल से बनाए गए हेडअप को बाहर निकलवाया। अधिकारियों की समझाइश के बाद भी किसान कलेक्टर को मौके पर बुलाने की बात पर अड़े थे। घंटों प्रदर्शन के बाद दोपहर 1.10 बजे किसान उग्र होकर नहर के पानी में उतरने लगे। 23 किसान ही पानी में उतर पाए थे कि अन्य किसानों को पुलिस ने रोक लिया। 20 मिनट तक पानी में खड़े होकर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ किसानों ने नारेबाजी की। इसके बाद किसान पानी से बाहर निकल आए।

जल समाधि और चक्काजाम की चेतावनी

नहर किनारे जमा किसानों ने ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि नहर से किसानों को सिंचाई पानी दिया जाए। पानी नहीं दे सकते तो रायपुर नगर निगम की नहर को बंद कर दिया जाए। जब तक नहर में पानी चलता रहेगा किसान हेडअप बनाकर अपने खेत की सिंचाई के लिए पानी लेने की कोशिश करते रहेंगे। इस काम में जान का भी खतरा है। प्रशासन जिले के रसूखदार किसानों को नहर से पानी दे रहा है।

किसानों ने चेतावनी दी कि पानी नहीं मिलने पर किसान नहर के पानी में उतर कर जल समाधि ले लेंगे। 15 गांव के किसान 12 सितंबर शनिवार को ग्राम छाती में रायपुर-जगदलपुर नेशनल हाइवे रोककर चक्काजाम करेंगे।

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश भी पहुंचे

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल नहर किनारे प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने दोपहर 2 बजे पहुंचे। श्री बघेल ने किसानों से कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन कर सिंचाई पानी की मांग करें। पत्रकारों के साथ चर्चा में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष श्री बघेल ने कहा कि गंगरेल बांध और महानदी जलाशय परियोजना के अन्य बांधों में पेयजल, निस्तारी और भिलाई स्टील प्लांट को पानी देने के बाद भी 8 से 10 टीएमसी पानीबचता है।

धमतरी, रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार और बालोद जिले के किसानों को सिंचाई पानी देकर फसल बचाई जा सकती है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार अपने अहंकार और हठधर्मिता के कारण किसानों को पानी नहीं दे रही है। जीएमआर और वर्धा पावर प्लांट के लिए पानी है। सिंचाई के लिए बने रोगदा बांध को वर्धा पावर प्लांट को बेच दिया गया है। मुख्यमंत्री बताएं कि उनका वर्धा और जीएमआर पावर प्लांट से क्या संबंध है ? श्री बघेल ने कहा कि कुछ प्रभावशाली लोग अधिकारियों पर दबाव डालकर अपने खेतों तक पानी ले जा रहे हैं।

ऐसे प्रभावशाली लोगों से मैं कहना चाहूंगा कि जिस तरह आप लोगों की फसल है, उसी तरह अन्य किसानों की भी फसल है। श्री बघेल के साथ कुरुद के पूर्व विधायक लेखराम साहू, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री छाया वर्मा, प्रदेश सचिव पंकज महावर, धमतरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन लालवानी, धमतरी ग्रामीण ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष नीशू चंद्राकर, ब्लाक कांग्रेस कुरुद के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, देवेन्द्र जैन, यूनूस गोड़, राकेश मौर्य, युवराज शर्मा, गोलू शर्मा, स्वतंत्र कौशल, हेमंत सिन्हा, आशुतोष शर्मा, राहुल बख्तानी समेत अन्य कांग्रेसी थे।

हेडअप खुलवाने आए हैं

किसानों द्वारा महानदी मुख्य नहर में बनाए गए हेडअप को खुलवाने आए हैं। पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है। किसानों को चक्काजाम नहीं करने दिया जाएगा। -जीआर राठौर, एसडीएम-धमतरी।

100 क्यूसेक पानी रायपुर को

‘रायपुर नगर निगम को 100 क्यूसेक पानी महानदी मुख्य नहर से दिया जा रहा है। गंगरेल बांध में 9.900 टीएमसी उपयोगी पानी है। किसी भी विशेष किसान को नहर से सिंचाई पानी नहीं दिया गया है। किसानों द्वारा ग्राम छाती के नहर में बनाए गए हेडअप को खुलवा दिया गया है।’ -एसके ताम्रकार, ईई-जल संसाधन विभाग

 

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