लक्ष्मीचंद्र और बबीता ने अपने सात वर्षीय बेटे अविनाश को दफनाने के 24 घंटों बाद ही यह कदम उठा लिया। उन्होंने अपने सुसाइट नोट में लिखा कि इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। यह हमारा फैसला है।
मूल रूप से ओडिशा के केंद्रपाड़ा का यह परिवार दक्षिणी दिल्ली में रहता था। पुलिस और पड़ोसियों के मुताबिक, अविनाश को बत्रा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले राजधानी के दो शीर्ष अस्पतालों में बिस्तर खाली न होने से अविनाश को भर्ती नहीं किया जा सका। बत्रा हॉस्पिटल के डॉक्टरों के मुताबिक, जब अविनाश को वहां लाया गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
एक रात अस्पताल में रखने के बाद डॉक्टरों ने दोपहर एक बजे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक, पूरी तरह टूट चुके माता-पिता ने रात में बेटे का अंतिम संस्कार किया और देर रात करीब 2.30 बजे आत्महत्या कर ली। फ्लैट से कूदने से पहले दोनों ने अपने हाथ बांध लिए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
घटना सामने आने के बाद दिल्ली और केंद्र सरकार हरकत में आई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि संबंधित अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के मुताबिक, मामले की जांच की जाएगी।