दरअसल, रूस ने आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन में दूध की मांग कम हो गई है और उसने उत्पादन पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इसका नतीजा यह है कि यूरोप में भारी मात्रा में दूध उपलब्ध हो रहा है। यूरोपियन यूनियन के देशों में दूध की कीमत करीब पानी से भी कम हो गई है।
प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
दूध की कीमतों में आई मंदी यूरोपीय दुग्ध उत्पादकताओं के लिए आपदा है। ब्रसेल्स में सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर से सड़कों को बंद करके पुलिस पर अंडे फेंके। यूरोपियन यूनियन के दुग्ध उत्पादकों का सबसे बड़ा बाजार कभी रूस हुआ करता था। रूस में करीब 32 फीसद चीज और 24 फीसद मक्खन का निर्यात ईयू से किया जाता था।
कोटा सिस्टम फिर लागू करने की मांग
दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध आयातक चीन में दूध की मांग में कमी हो गई है। चीन पाउडर वाले दूध का सबसे बड़ा खरीदार देश है। यूरोपियन देशों के किसान एक बार फिर से उत्पादन कोटा को लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि बाजार में संतुलन लाया जा सके। कोटा सिस्टम को इस साल की शुरुआत में खत्म कर दिया था, जिससे कि किसानों को जितना चाहें उतना उत्पादन करने का अधिकार मिल गया था। यह सिस्टम पिछले 30 सालों में पहली बार खत्म किया गया था।