भोपाल। नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर ने आरोप लगाया कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के विस्थापन और पुनर्निमार्ण में बड़ा घोटाला हुआ है और यह व्यापमं पार्ट टू है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कई गांव डूब रहे हैं और हजारों लोगों को नुकसान हो रहा है लेकिन राज्य सरकार पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से इसका विरोध नहीं कर रहे हैं।
मेधा पाटकर ने कहा कि परियोजना के डूब क्षेत्र से 54 गांवों को निकाल दिया गया है जबकि वास्तव में ये गांव डूब में आ रहे हैं। आज भी 2143 परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरदार सरोवर बांध परियोजना प्रभावित होने के बाद भी न तो मुआवजा मिला है और न ही जमीन। बांध की ऊंचाई 17 मीटर बढ़ाकर 139 मीटर किए जाने से मप्र का काफी हिस्सा डूब जाएगा। इसलिए परियोजना के प्रभावितों को न्याय दिलाने के लिए जो जल सत्याग्रह चल रहा उसे जारी रखा जाएगा।
12 सितंबर को जन अदालत
पाटकर ने कहा कि सरदार सरोवर बांध परियोजना के प्रभावितों की तकलीफों को सुनने के लिए 12 सितंबर को जन अदालत का आयोजन किया गया है। इसमें रिटायर्ड न्यायाधीश शामिल होंगे जो सुनवाई करेंगे। मेधा पाटकर ने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रही ह ै। नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना भी उसका ही हिस्सा है। इस पानी को औद्योगिक क्षेत्र में पहुंचाया जाएगा।