नई दिल्ली। देश में लगातार दूसरे साल सूखे के हालात बन रहे हैं। ऐसा भारत के 115 साल के इतिहास में चौथी बार होने जा रहा है। इससे आम आदमी से लेकर सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 2014 के पूरे मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देशभर में सामान्य के मुकाबले 88 फीसदी औसत बारिश हुई थी। वहीं, इस साल 1 जून से 4 सितंबर तक 645.7 मिलीमीटर औसत बारिश हुई है, जो सामान्य के मुकाबले 87 फीसदी है। इससे पहले तीन बार ऐसा हुआ है, जब देश में सामान्य के मुकाबले 90 फीसदी से कम बारिश दर्ज की गई। आईएमडी सामान्य तौर पर 90 फीसदी से कम बारिश को सूखे की स्थिति मानता है। सरकार ने अपने चौथे अग्रिम आकलन में खाद्यान उत्पादन 4.7 फीसदी घटने का अनुमान लगाया है। ऐसे में खाने-पीने के चीजों की महंगाई आने वाले समय में बढ़ सकती है।
लगातार दूसरे साल सूखे जैसे हालात
1 जून से 4 सितंबर तक देशभर में 645.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो कि सामान्य के मुकाबले 13 फीसदी कम है। इस अवधि में सामान्य तौर पर 742.5 मिलीमीटर बारिश होती है। पिछले साल मानसून के चार महीने (जून-सितंबर) के दौरान देशभर में 781.7 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो सामान्य के मुकाबले 12 फीसदी कम है। इस साल दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है। मध्य भारत में सामान्य के मुकाबले 17 फीसदी, उत्तर-पश्चिम भारत में 13 फीसदी और पूर्व व उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य के मुकाबले 2 फीसदी कम बारिश हुई है।
115 साल के इतिहास में चौथा सबसे बड़ा सूखा
115 साल के दौरान हुई बारिश के आंकड़ों पर अगर नजर डाले तो 1901 से 2015 तक सिर्फ चार ऐसे मौके आए हैं, जब लगातार दो साल सामान्य के मुकाबले 90 फीसदी से कम बारिश हुई है।
अनियमित रहा मानसून
इस साल मानसून बहुत अनियमित रहा। जून में सामान्य के मुकाबले 16 फीसदी अधिक बारिश हुई थी। इसके कारण खरीफ फसलों की अच्छी बुआई हुई। वहीं, जुलाई में 16 फीसदी और अगस्त में 22 कम बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर में सामान्य के मुकाबले 23 कम बारिश हो सकती है।
हरियाणा में छठा और पंजाब में पांचवां सूखा साल
देश के कुल खाद्यान उत्पादन में करीब 35 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले राज्य हरियाणा और पंजाब पिछले कुछ सालों से सूखे की मार झेल रहे हैं। 11 साल में यह छठा सूखाग्रस्त साल हो सकता है। वहीं, पंजाब में 11 साल के दौरान पांचवां सीजन सूखा ग्रस्त होने जा रहा है। जून लेकर अबतक पंजाब में सामान्य के मुकाबले 36 फीसदी कम और हरियाणा में 34 फीसदी कम बारिश हुई है।
जलाशयों में 16% घटा पानी, किसानों की बढ़ेगी परेशानी
कमजोर मानसून के कारण देश के प्रमुख 91 जलाशयों में पानी की स्तर औसत से 16 फीसदी नीचे आ गया है। आने वाले दिनों में जलाशयों में पानी का स्तर और गिर सकता है। ऐसे में कमजोर मानसून की मार झेल रहे किसानों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। दरअसल, मानसून खत्म होने के बाद किसान सिंचाई के लिए जलाशयोंपर निर्भर रहते हैं। मध्य और उत्तरी भारत के जलाशयों में पर्याप्त पानी है, लेकिन पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों के जलाशयों पानी खत्म होता जा रहा है।