मुंबई। आरटीआई कार्यकर्ता सतीश के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए उनके भाई संदीप शेट्टी ने एक साल पहले अपनी नौकरी छोड़ दी। वह अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। बीते पांच सालों से उनका वक्त कोर्ट की सुनवाई और सीबीआई जांच में जा रहा है।
हालांकि, संदीप कहते हैं कि उनके भाई की चाकू मारकर हत्या मुंबई पुणे एक्सप्रेस-वे में धांधली उजागर करने वाली आरटीआई के बाद हुई थी। सतीश महाराष्ट्र के उन 10 आरटीआई कार्यकर्ताओं में से हैं, जो बीते 10 सालों में हमले के शिकार हुए हैं।
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स के आंकड़े बताते हैं कि महाराष्ट्र में 60 आरटीआई कार्यकर्ताओं पर अब तक हमला हुआ, उन्हें प्रताणित किया गया या वे मारे गए। यह देश का सबसे बड़ा भयावह आंकड़ा है।
आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले में गुजरात और उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं। दोनों जगह 6-6 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की गई। इसी तरह तीसरे स्थान पर कर्नाटक और बिहार हैं। इन दोनों राज्यों में 4-4 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की गई।
मारे गए, हमले के शिकार या प्रताणित किए गए कार्यकर्ताओं की संख्या के मामले में गुजरात 36 ऐसे केस के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद ऐसे 25 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे और दिल्ली 23 मामलों के साथ चौथे स्थान पर है।