यह खुलासा नेशनल क्राइम रिपोर्ट्स ब्यूरो की रिपार्ट से हुआ है। इसके मुताबिक उप्र (1312) और राजस्थान (870) उससे कहीं पीछे है। अगर प्रदेश के इंदौर और भोपाल की बात की जाए तो स्थिति चिंताजनक है। गत वर्ष इंदौर (261), भोपाल (223), जबलपुर (194) और ग्वालियर (158) मामले दर्ज किए गए। इंदौर और भोपाल में इस दौरान ज्यादती के मामले अधिक तेजी से बढ़ गए।
रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों का सुझाव-माता-पिता को देना होगा ध्यान
पुलिस के रिटायर्ड अधिकारियों का मानना है कि रेप के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। ज्यादती के अधिकांश मामलों में आरोपी परिचित होता है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान दें।
उन्हें बचपन से ही बच्चों को इस संबंध में बताना होगा। माता-पिता को बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करना चाहिए, ताकि वे छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की जानकारी तत्काल उन्हें दें। माता-पिता की सजगता से ही ऐसे मामलों में कमी लाई जा सकती है।
नाबालिकों से ज्यादती के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। इसमें माता-पिता को अपने बच्चों को लेकर ज्यादा सगज रहने की जरूरत है। उन्हें बच्चों से मिलने वालों पर नजर रखनी चाहिए, जिससे उन्हें पता चल सके कि परिचित अकेले में उनके बच्चों से कैसा व्यवहार करते हैं। -डॉ. आरएन साहू, विभाग प्रमुख मनो रोग, गांधी मेडिकल कॉलेज