दलहन आयात से हुए घाटे की भरपाई का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक मंत्रिमंडल ने नाफेड, पीईसी, एसटीसी और एमएमटीसी को वर्ष 2006-2011 के बीच दलहन आयात के कारण घाटे के अलावा योजना बंद होने के बाद अगले छह महीने तक दलहन की बिक्री पर नुकसान की भरपाई के लिए 113.40 करोड़ रुपए भुगतान करने के खाद्य व उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का प्रस्ताव मान लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि घाटे की भरपाई करने से सार्वजनिक उपक्रमों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और वे आवश्यक जिंसों के भाव घटाने के लिए व्यापारिक गतिविधियों का सही तरीके से संचालन कर सकेंगे। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि 5000-5000 टन तुअर और उड़द दाल के आयात की खेप पांच सितंबर तक पहुंच जाएगी।