अदालत ने राजीव गांधी ट्रस्ट को किसानों की 68 एकड भूमि वापस लौटाने का दिया आदेश

अमेठी : अमेठी के राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को बेची गयी जमीन को बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने ट्रस्ट से वापस लेकर उत्तरप्रदेश राज्य औद्योगिक एवं अवस्थापना निगम (यूपीएसआइडीसी) को सौंपने का आदेश दिया है. यह आदेश गौरीगंज की एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव की अदालत ने सुनाया है. अमेठी के जिलाधिकारी जगतराज त्रिपाठी ने कहा है कि एसडीएम ने उक्त जमीन को वापस करने का आदेश दिया है.
इस मामले में किसानों का पक्ष रखने वाले वकील उमाशंकर पांडेय ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पिछले 23 अगस्त को जिस जमीन को हडपने की बात कही थी, वह दरअसल, 1983 में कौहार गांव की वह 65 एकड भूमि है, जिसे किसानों से लेकर सम्राट बाइसिकिल कंपनी को कारखाना लगाने के लिए दिया गया था. वकील के अनुसार, कंपनी ने बेवजह कारखाना लगाने का नाटक रचा और बाद में सब्सिडी लेकर चुप हो गयी. कंपनी ने कारखाना लगाने के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थाओं से जो कर्ज लिया था, उसकी वापसी के लिए उसकी वापसी के लिए 90 साल के लिए पट्टे पर ली गयी जमीन की नीलामी कर दी. 
पांडेय ने बताया कि कंपनी ने बाद में फर्जी खतिहान बनवा कर 90 साल के पट्टे पर ली गयी उस जमीन को नीलाम कर दिया. राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट ने उस नीलाम की गयी जमीन को खरीद लिया. उसके बाद ट्रस्ट ने इस साल 27 फरवरी को जब अपने आक्शन चेंज के लिए गौरीगंज में दर्ज कराया तो किसानों को सच्चाई का पता चला. किसानों के अनुसार, उस जमीन पर तो फैक्ट्री लगनी चाहिए, उसे ट्रस्ट को क्यों सौंपा गया. 
बाद में यूपीएसआइडीसी ने इस पर आपत्ति की. इस मामले में वकील पांडेय ने किसानों की पैरवी की. उन्होंने यह भी बताया है कि यूपीएसआइडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिख कर कहा कि गलत तरीके से पट्टे पर दी गयी जमीन की नीलामी कर दी.
मालूम हो कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने 23 अगस्त को अमेठी में एक रैली को संबोधित करते हुए यह मामला उठाया था. उन्होंने इस मामले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की घेराबंदी की भी कोशिश की थी.

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