छत्तीसगढ़ की जेलों में क्षमता से 261 फीसदी अधिक कैदी

रायपुर। देशभर में सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के जेल ओवर क्राउडेड हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के जेलों में क्षमता से 261 फीसदी अधिक कैदी भरे हुए हैं। वहीं दूसरे नंबर पर दिल्ली राज्य है। यहां क्षमता से 216 फीसदी अधिक कैदियों को ठूंस दिया गया है। देश के 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में सन 2013 के आखिर तक मिले आंकड़ों में छत्तीसगढ़ के पांच केंद्रीय और 25 अन्य जेलों में कैदियों को बुरी तरह से ठूंसा गया है।

अरबों स्र्पए फूंकने के बावजूद छत्तीसगढ़ के जेल में कैदियों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक पुस्र्ष कैदियों की ओवरक्राउडिंग के मामले में भी छत्तीसगढ़ नंबर वन है। जेल की क्षमता के मुकाबले पुस्र्ष कैदी 268 फीसदी ज्यादा हैं। वहीं महिला कैदियों की ओवरक्राउडिंग भी चिंताजनक है। में देश में उत्तराखण्ड के बाद छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर है। उत्तराखण्ड के जेलों में क्षमता से 187 फीसदी अधिक महिला कैदी हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में 174 फीसदी अधिक है। छत्तीसगढ़ के जेलों में केवल 470 महिला कैदियों के रहने का इंतजाम है जबकि इसके मुकाबले 821 कैदियों को रखा गया है।

जिला जेलों में हालात अधिक खराब

रिपोर्ट के मुताबिक देश के सेंट्रल जेलों के मुकाबले जिला जेलों में ओवरक्राउडिंग अधिक है। छत्तीसगढ़ के 5 सेंट्रल जेलों में 3804 पुस्र्ष और 292 महिला कैदियों यानी कुल 4096 कैदियों के रहने की व्यवस्था है। इसके मुकाबले यहां 9969 पुस्र्ष और 708 महिला कैदियों यानी कुल 10677 कैदियों को रखा गया है। यह क्षमता का 261 फीसदी अधिक है। वहीं 10 जिला जेलों में 1234 के मुकाबले 3358 कैदियों को रखा गया है। यह क्षमता का 272 फीसदी है। इन जेलों में 1140 के मुकाबले 3245 पुस्र्ष और 94 के मुकाबले 113 महिलाएं रखी गई हैं।

12 उपजेलों में एक भी महिला कैदी नहीं

छत्तीसगढ़ के 12 उपजेलों में 84 महिला कैदियों के रहने की व्यवस्था होने के बावजूद यहां एक भी महिला कैदी नहीं रखी गई है। इन जेलों में 656 पुस्र्ष कैदियों की क्षमता है, लेकिन इनमें 1805 कैदी रखे गए हैं।

हालात सुधरने का दावा

जेल विभाग ने जेल के हालातों में तेजी से सुधार करने का दावा किया है। जेल महकमे के मुताबिक 2013 के मुकाबले अब जेलों में बैरकों की संख्या में इजाफा किया गया है। वहीं तीन नए जेल खोलने की तैयारी है, जिससे ओवरक्राउडिंग पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। जेल रिकॉर्ड के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब जेलों में कैदियों की क्षमता बढ़कर 7232 हो गई है। इसके मुकाबले कैदियों की संख्या 17314 है। इस लिहाज से ओवरक्राउडिंग का प्रतिशत 261 से घटकर 239.4 फीसदी हो गया है।

2017 तक 40 फीसदी ओवरक्राउडिंग का लक्ष्य

विभाग के अफसरों के मुताबिक 2017 तक जेलों की ओवरक्राउडिंग 40 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। नए 240 बैरकों का निर्माण मंजूर किया गया है। जेलों में नई बैरकों का निर्माण लगातार हो रहा है। इसके चलते राज्य के जेलों में बंदियों की आवास क्षमता पिछले बारह वर्षों में 4 हजार 503 से बढ़कर सात हजार 232 हो गई है। वर्ष 2016 और 2017 में सभी नए जेलों और नई बैरकोंका निर्माण पूरा हो जाने पर उनमें बंदी आवास क्षमता 7 हजार 232 से बढ़कर 16 हजार 382 हो जाएगी। नई बैरकों के निर्माण से जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या भी काफी कम हो जाएगी। राज्य के जेलों में ओवरक्राउडिंग 2015 के अंत तक घटकर 180 प्रतिशत और वर्ष 2017 के अंत तक केवल 40 फीसदी रह जाएगी।

देश में कैदियों की ओवर क्राउडिंग (टॉप टेन)

1. छत्तीसगढ़ – 261.00 फीसदी

2. दिल्ली- 216.08 फीसदी

3. उत्तर प्रदेश- 172 फीसदी

4. अस्र्णाचल प्रदेश- 164.3

5. मेघालय- 160.4

6. पंजाब- 147.3

7. गोवा- 132.4

8. मध्यप्रदेश – 128.7

9. झारखण्ड- 127.9

10. केरल – 119.5

राष्ट्रीय औसत- 118.4

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छत्तीसगढ़ में जेलों की संख्या- 30

सेंट्रल जेल- 5

कैदियों की क्षमता- 6070

कैदियों की संख्या- 15840

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अगले दो साल में घट जाएगी ओवरक्राउडिंग

– राज्य के जेलों में बंदियों की भीड़ कम करने 240 नई बैरक मंजूर की गई हैं। अगले दो वर्ष में जेलों में ओवरक्राउडिंग घटकर सिर्फ 40 प्रतिशत रह जाएगी । जेलों में बंदियों की मानवीय सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

गिरधारी नायक, डीजीपी, जेल

 

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