जीवनशैली के कारण हर साल मर रहे हैं 25 फीसद भारतीय : अध्‍ययन

नई दिल्ली। भारत में बदली जीवनशैली के कारण हर चार में से एक व्‍यक्‍ित 70 वर्ष की आयु से पहले डायबिटीज, कार्डियोवेस्‍कुलर डिजीज या कैंसर जैसी गंभीर गैर संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) बीमारियों से मर जाते हैं। यह अनुमान कई वैश्विक और घरेलू संगठनों ने अध्‍ययन के बाद दिया है।

कन्फडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री एंड एकेडिमिया ने बुधवार को श्‍वेत पत्र जारी कर यह जानकारी मुहैया कराई है। इसमें बताया गया है कि हर साल करीब 58 लाख भारतीय हृदय और फेफड़ों की बीमारी, स्‍ट्रोक, कैंसर और डायबिटीज के कारण मर रहे हैं।

श्‍वेत पत्र के अनुसार, लगभग 25 फीसद भारतीयों की मौत 70 वर्ष की आयु होने से पहले एनसीडी की वजह से हो रही है। विशेषज्ञों ने कहा है कि सरकार को एचआईवी और टीबी की तरह इन बीमारियों के लिए तत्‍काल जागरूकता कार्यक्रम बनाने की जरूरत है।

पिछले एक दशक में लाइफस्टाइल बदलने के कारण भारत जैसे देशों में एनसीडी बढ़ी है। सरकारी कार्यक्रम खासतौर पर एचआईवी और ट्रॉपिकल बीमारियों तक ही केंद्रित रहे हैं। मगर, एनडीसी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार को चाहिए कि वह लोगों को इसके बारे में जागरूक करे।

सरकार ने कहा है कि इन बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जिला स्तर से कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉ. जगदीश प्रसाद ने बताया कि शुरुआत में इसके लिए छह जिलों को चुना गया है, जिनमें दो हजार डॉक्टर यह काम करेंगे।

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