टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार याकूब की फांसी को लेकर छेड़ी गयी बहस के जवाब में सरकार ने बताया है कि 1991 से अब तक 26 लोगों को फांसी दी गयी है, जिनमें से सिर्फ चार लोग ही मुसलमान थे. बावजूद इसके कुछ मीडिया चैनलों ने याकूब की फांसी से पहले ऐसा माहौल बनाया जैसे सिर्फ अल्पसंख्यकों के साथ ही ऐसा किया जा रहा है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में कुछ मीडिया चैनलों द्वारा दिखायी गयी रिपोर्ट को देश के लिए खतरा बताया है.
कई मीडिया हाउस को सरकार ने भेजा नोटिस
आईबी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने कई मीडिया हाउस आज तक, एबीपी न्यूज और एनडीटीवी इंडिया को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है. सरकार ने इन चैनलों के रवैये को खतरनाक माना है, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही गलत बताने जैसा है.