ट्रैक्टर रोका तो पैदल ही जंतर मंतर चल पड़े योगेंद्र यादव

गुड़गांव पुलिस ने स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव के जय किसान मार्च के काफिले को शहर के अंदर से कापसहेड़ा जाने से रविवार को रोक दिया। यातायात व्यवस्था को देखते हुए उन्हें दिल्ली बॉर्डर से कापसहेड़ा जाने को कहा। साथ ही उनके काफिले को राजमार्ग से ही आगे बढ़ा दिया।

किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए जय किसान मार्च योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और प्रो. आनंद कुमार के साथ भारी संख्या में मौजूद ट्रेक्टरों के काफिलों के साथ रविवार को मेवात से सोहना पहुंचा। इसमें जिला मेवात, पंजाब, हिमाचल सहित अन्य प्रदेशों के किसान मौजूद थे।

किसानों ने खंड के 80 गांवों की मिट्टी लाकर प्रधानमंत्री मोदी को देने के लिए योगेन्द्र यादव को दी, ताकि खेतों को कंपनियों की चपेट में आने से बचाया जा सके। एक अगस्त को शुरू हुआ यह काफिला सोमवार को किसानों की आवाज बनकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचेगा।

सोहना पहुंचने पर किसानों को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकारों की अनदेखी के कारण किसान के लिए खेती करना सबसे बड़ा संकट बन गया है। किसानों के लिए उठाया गया यह कदम उनके मान-सम्मान के लिए है। केंद्र और प्रदेश की सरकारें किसानों की जमीन पर कंपनियां खड़ी करके खेतीबाड़ी को समाप्त कर रही हैं। अब समय आ गया है कि स्वराज अभियान के तहत किसानों, जमीदारों के हक की लड़ाई को बुलंद किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि किसानों की खून-पसीने की मेहनत ने देश के अंदर हरित क्रांति को जन्म दिया था, लेकिन अब यह हरित क्रांति जहरीली क्रांति बन गई है, क्योंकि अधिक उपज के लिए किसान मजबूरीवश यूरिया खाद को खेतों में डाल रहा है। अनाज ही नहीं अपितु सब्जियों में भी यूरिया का प्रयोग हो रहा है। इसके अत्यधिक उपयोग से खाने-पीने की वस्तुएं जहरीली हो गई हैं। नया किसान आन्दोलन किसानों के लिए नया युग लेकर आएगा। वहीं प्रशांत भूषण ने प्रदेश और देश के अन्दर कृषि योग्य जमीन को अन्य उपयोग में लेने तथा सरकारों द्वारा अनदेखी किए जाने की बात कही।

सरकार का तमाशा शुरू हो गया है: योगेंद्र यादव

स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने रविवार को ट्विट कर कहा कि सरकार का तमाशा शुरू हो गया है। पुलिस हमारे काफिले को दिल्ली के अंदर नहीं जाने दे रही है, जबकि आठ जुलाई से इसकी अनुमति ले रखी थी। वहीं योगेंद्र यादव ने गुड़गांव से निकलते समय ट्विट कर आशंका जताई थी कि उनके काफिले को दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक लिया जाएगा। उन्होंने ट्विट कर कहा था कि ट्रेक्टरों की भारी संख्या के साथ काफिला दिल्ली की तरफ बढ़ रहा है। सूत्रों से सूचना मिल रही थी कि जय किसान मार्च को कापसहेड़ा दिल्ली बॉर्डर पर रोक लिया जाएगा।

राजीव चौक पर किया स्वागत

जय किसान रैली के सोहना से गुड़गांव पहुंचने पर राजीव चौक पर स्वागत किया गया। यहां पर ट्रेक्टरों के साथ लोग खड़े हुए थे। स्वागत करने के बाद वे काफिले के साथ जुड़ गए। झाड़सा की तरफ रैली के बढ़ने के बादपुलिस ने उसे गुड़गांव में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके बाद काफिला कापसहेड़ा जाने के लिए दिल्ली बॉर्डर की तरफ बढ़ गया।

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