रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने गरीब परिवारों को रियायती दर पर मिलने वाले अनाज व केरोसीन के बाद अब निःशुल्क नमक पर भी कैंची चला दी है। राज्य के गैर-अनुसूचित विकासखंडों में हर महीने प्रति परिवार अब एक किलोग्राम के हिसाब से नमक दिया जाएगा।
जबकि अनुसूचित विकासखंडों में पहले की तरह ही हर महीने प्रति परिवार दो किलो नमक दिया जाएगा। खाद्य विभाग ने इसके लिए छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 में संशोधन करते हुए अधिसूचना भी जारी कर दी है। नई व्यवस्था आगामी एक अक्टूबर से लागू होगी।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सभी अंत्योदय और प्राथमिकता वाले परिवारों को राशन कार्ड पर हर महीने दो किलो निःशुल्क आयोडाइज्ड अमृत नमक दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने गरीब परिवारों को आयोडाइज्ड नमक के बदले अब रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक देने का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र के गरीब परिवारों को पहले की तरह ही दो किलो नमक दिया जाएगा, लेकिन गैर-अनुसूचित क्षेत्र में नमक की मात्रा में कटौती करते हुए केवल एक किलो रिफाइंड आयोडाइज्ड निःशुल्क नमक दिया जाएगा।
खाद्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में साठ लाख से अधिक गरीब परिवारों को हर साल एक लाख 44 हजार मीट्रिक टन अमृत नमक की आवश्यकता होती है। इन्हें अब और भी अधिक बेहतर गुणवत्ता का नमक देने के लिए रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक बांटने का निर्णय लिया गया है। इस पर लगभग 83 करोड़ रुपए सालाना खर्च होंगे। यानी सालाना करीब दस करोड़ रुपए का अतिरिक्त आर्थिक भार आएगा। इस अतिरिक्त व्यय भार को कम करने के लिए ही सरकार ने गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के गरीबों को मिलने वाले नमक की मात्रा में कटौती की है।
इसके पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि अनुसूचित क्षेत्रों में नमक की उपलब्धता कम तथा लोगों की आर्थिक स्थिति अपेक्षाकृत ज्यादा खराब होती है, इसलिए उन्हें दो किलो ही नमक दिया जा रहा है। वहीं, गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में हर जगह रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक उपलब्ध और लोगों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर है, इसलिए उन्हें एक किलो नमक देने का निर्णय लिया गया है।
‘राज्य शासन द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में गरीब परिवारों को दो किलोग्राम और गैर-अनुसूचित क्षेत्रों में एक किलो रिफाइंड आयोडाइज्ड नमक देने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम में संशोधन करते हुए अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।’ – मनोज कुमार सोनी, विशेष सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग