एक रिपोर्ट के मुताबिक मंजूरी इसलिए रद्द की गई क्योंकि अदालत ने पाया कि पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने गैलिली बेसिन में दो संकटग्रस्त प्रजातियों, यक्का स्किंग (छोटी छिपकली) और सजावटी सांप के बारे में दी गई सलाह पर सही तरीके से गौर नहीं किया। पर्यावरणविदों ने विवादास्पद कारमाइकेल खान के खिलाफ फेडरल कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
आगे के कानूनी विकल्प
अदालत का यह फैसला मैके कंजर्वेशन ग्रुप की याचिका पर आया। ग्रुप के प्रतिनिधि स्यू हिगिन्सन ने कहा कि अब मध्य क्वींसलैंड की खान के लिए कोई कानूनी स्वीकृति नहीं है। याचिकाकर्ता ने कहा कि फैसले के मुताबिक पर्यावरण मंत्री की ओर से दी गई मंजूरी अमान्य है। हिगिन्सन ने कहा, ‘यहां से यही हो सकता है कि मंत्री अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकते हैं। पक्के तौर पर उचित कानूनी प्रक्रियाओं के बाद वे फिर से खनन प्रोजेक्ट को मंजूरी दे सकते हैं या फिर परियोजना को स्वीकृति देने से इनकार कर सकते हैं। मंत्री के सामने ये कानूनी अधिकार के विकल्प हैं।’
दोबारा मंजूरी आसान नहीं
हिगिन्सन ने कहा, ‘हमारे मुवक्किल का कहना है कि यदि मंत्री खनन परियोजना को मिली स्वीकृति पर पुनर्विचार करना चाहते हैं तो इसके पक्ष में कई नए साक्ष्य और सूचनाएं जुटानी होंगी, लिहाजा इसे दोबारा मंजूरी देना आसान नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस लिहाज से कारमाइकेल प्रोजेक्ट कानूनी अनिश्तिता की स्थिति में है।’
फैसले पर पुनर्विचार की सलाह
पर्यावरण विभाग ने एक बयान में कहा, ‘विभिन्न पक्षों की सहमति से फेडरल कोर्ट ने कारमाइकेल कोयला खान और रेल प्रोजेक्ट की मंजूरी औपचारिक रुप से रद्द कर दी। यह तकनीकी और प्रशासनिक मामला है। इससे जुड़े संदेह खत्म करने के लिए विभाग ने सलाह दी है कि इस फैसले पर पुनर्विचार होना चाहिए।’ विभाग की ओर से कहा गया कि फैसले पर पुनर्विचार के लिए मुकम्मल स्वीकृत प्रक्रिया पर नए सिरे से विचार की जरुरत नहीं है।’
तकनीकी कानूनी भूलः अडाणी
कोर्ट के आदेश के संबंध में अडाणी समूह ने कहा कि उसे सरकार की मंजूरी का इंतजार है। समूह ने इस फैसले को तकनीकी कानूनी भूल करार दिया और भरोसा जताया कि मामला सुलझ जाएगा। समूह ने हाल ही में प्रोजेक्ट एरिया में कई जगहों पर काम रोक दिया है। कंपनी ने कहा कि वह सख्त पर्यावरण शर्तों समेत राष्ट्रमंडल और राज्य के कानूनों के मुताबिक क्वींसलैंड में खनन, रेल व पोर्ट प्रोजेक्ट के लिए प्रतिबद्घ है।