भूमि अधिग्रहण बिल पर सरकार के बदले रुख की संघ ने सराहना की है। अब तक बिल के प्रावधानों का विरोघ कर रहे संघ के संगठनों ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं का आभार जताया है।
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने पीएम को ट्वीट कर धन्यवाद दिया है। धन्यवाद वाला उनका ट्वीट भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और संघ के विचारक एस गुरुमूर्ति को भी किया गया है।
भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा है कि यदि सरकार ने पुराने बिल के प्रावधानों को स्वीकार किया है तो यह कदम स्वागत योग्य है। सरकार ने लोकतंत्र का सम्मान किया है। इससे लगता है कि सरकार जनता के हितों को लेकर संवेदनशील है।
भारतीय किसान संघ ने भी बिल में बदलावों के लिए सरकार को सराहा है मगर, राज्यों के ऊपर कानून बनाने के प्रावधान पर विरोध जताया है।
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महासचिव प्रभाकर केलकर ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण बिल पर सियासत हुई है और सियासत का नुकसान किसानों को ही उठाना पडे़गा।
संयुक्त संसदीय समिति में सरकार ने यदि वर्ष 2013 के सामाजिक प्रभाव आकलन और आपत्ति के प्रावधान को अपनाया है तो यह सराहनीय कदम है, लेकिन इस मामले में राज्यों को कानून बनाने के अधिकार दिए जाने का हम विरोध करते हैं।
सरकार को कभी अच्छे सुझावों से आपत्ति नहीं थी
भूमि बिल पर संसदीय समिति के सुझावों को स्वीकार करने के लिए सरकार मंगलवार को तैयार दिखी। ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआत से ही सरकार को किसी भी संस्थान, राजनीतिक नेता, पार्टी या किसानों के अच्छे सुझावों के लिए आपत्ति नहीं थी।