छत्तीसगढ़ का चर्चित पैडी घोटाला मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले की तर्ज पर चल पड़ा है। करोडों के इस घोटाले का खुलासा करने वाले प्रमुख व्हिस्लिब्लोअर सुरेन्द्र शाक्या जबलपुर स्थित अपने घर पर संदिग्ध रूप से मृत हालत में पड़े मिले।
पुलिस ने प्राथमिक जांच में इसे आत्महत्या करार दिया है। हालांकि उनके परिजनों ने आत्महत्या की बात को नकारते हुए पुलिस पर चालबाजी का आरोप लगाया है। सुरेन्द्र के बड़े बेटे ने कहा कि मेरे पिता सिद्धांतों पर दृढ़ता से जीने वाले व्यक्ति थे इसलिए उनके आत्महत्या करने का सवाल ही नहीं उठता।
हम घोटालेबाजों से उनकी जान बचाने में असफल रहे। उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता की आत्मा को शांति दिलाने के लिए अंत तक न्याय के लिए लडूंगा। उनके परिजनों ने भी पुलिस की आत्महत्या की थ्योरी को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि वह साइकिल से ग्वालियर से कश्मीर तक का सफर अकेले कर चुके थे।
ऐसे में एक ऐसे हिम्मत वाले व्यक्ति से आत्महत्या की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उनके बेटे नितिन शाक्य ने कहा कि जो लोग इस घोटाले में संलिप्त हैं वे काफी खतरनाक हैं इसलिए वो घोटाले को दफनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
वहीं पुलिस शाक्या की मौत को एक साधार आत्महत्या का केस बताने में जुटी है। पुलिस का दावा है कि जहां शाक्या की मौत हुई उन्हें वहां से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है।
वहीं एक अन्य आश्चर्यजनक घटनाक्रम में शाक्या के अंतिम संस्कार में भाग लेने वाले उनके एक साथी की वहां से लौटते समय रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। यह वाक्या शनिवार को ललित सागर नेशनल हाइवे पर हुआ।
मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने अज्ञात चालक के खिलाफ दुर्घटना कर भागने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ के पैडी स्कैम के छींटे मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और उनके परिवार तक भी पहुंच रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है