नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून को हाउसिंग फॉर ऑल (अर्बन) मिशन लांच किया था। अब जल्द ही सरकार हाउसिंग फॉर ऑल ( रूरल) स्कीम लाने की तैयारी कर रही है। इस स्कीम के तहत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कालोनियों की तरह नियोजित विकास करेगी और लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने के साथ साथ शहरों की ओर बढ़ रहे पलायन को रोकना है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कंस्ट्रक्शन गतिविधियां बढ़ेंगी और लोगों को रोजगार मिलेगा।
वर्तमान स्कीम की होगी समीक्षा
हाउसिंग फॉर ऑल (रूरल) स्कीम को तैयार करने की जिम्मेवारी ग्रामीण विकास मंत्रालय को दी गई है। मंत्रालय ने इस स्कीम पर काम भी शुरू कर दिया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस स्कीम के तहत सभी राज्यों को पत्र भेज कर कहा गया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाई गई हाउसिंग पॉलिसी और कार्यक्रमों के बारे में मंत्रालय को जानकारी दे, ताकि केंद्र सहित सभी राज्यों की हाउसिंग पॉलिसी और कार्यक्रमों की समीक्षा की जा सके और उन कार्यक्रमों की कमियों का आकलन करके नया कार्यक्रम तैयार किया जा सके।
हर गांव का होगा सर्वे
इसके साथ साथ हर गांव का सर्वे कराया जाएगा, ताकि यह पता कराया जा सके कि ग्रामीण क्षेत्रों में कितने लोगों के पास घर नहीं है और कुल कितने घर बनाने की जरूरत है। यह डाटा आने के बाद मंत्रालय द्वारा तैयार किए जाने वाले कार्यक्रम में यह तय किया जाएगा कि किस चरण में कितने मकान बनाए जाएं।
नियोजित कालोनी की तरह होगा विकास
मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि इस नई स्कीम में जो भी मकान बनेंगे, वे पक्के होंगे और उन्हें एक नियोजित कॉलोनी की तरह विकसित किया जाएगा। इस कॉलोनी में पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें स्कूल, पार्क, सीवर, बिजली, पानी आदि प्रमुख है।
बिल्डिंग मैटीरियल बैंक बनेगा
मंत्रालय की योजना है कि स्कीम के तहत बनने वाले मकानों में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक बिल्डिंग मैटीरियल का इस्तेमाल किया जाए, ताकि मकान टिकाऊ और किफायती साबित हों। इसके लिए स्थानीय स्तर पर मैटीरियल बैंक बनाने की संभावना तलाशी जाएंगी। जहां केंद्रीय स्तर पर बिल्डिंग मैटीरियल खरीद कर रखा जाएगा और लाभार्थियों को उनके आधार कार्ड की जांच के बाद उन्हें मैटीरियल जारी किया जाएगा।
मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगेंगे
इस स्कीम के शुरू होने के बाद जहां ग्रामीण क्षेत्र पर कंस्ट्रक्शन गतिविधियां बढ़ेंगी और मंत्रालय की योजना है कि बिल्डिंग मैटीरियल की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाए जाएं। इससे इलाके में कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।