गौरतलब है कि अजीतमल क्षेत्र दुधारू पशुओं के पालन का बड़ा केंद्र माना जाता है। इसके बावजूद यहां पशुओं की चिकित्सा की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में पशुओं को बीमारी सबसे अधिक होती है। वहीं इलाज न होने से अधिकतर की मौत हो जाती है। अभी दो दिन पहले अनंतराम में आधा दर्जन पशु बीमारी से मर गए थे तो उस दौरान डीएम ने पशु चिकित्सक भेजने की बात कही थी।
हैदरपुर गांव सांसद अशोक दोहरे का पैत्रिक गांव होने के कारण चर्चा में रहता है। गांव में पशु अस्पताल का इतना बुरा हाल होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था। बताया जाता है कि लाखों रुपए की लागत से पशु अस्पताल का निर्माण कराया गया, लेकिन इसकी देखरेख का कोई इंतजाम नहीं किया गया। आलम यह है कि ग्रामीणों ने अस्पताल के कमरों में भूसा भरकर उसमें अपना ताला लगा रखा है। कैंपस में लगे सबमर्सिबल को दबंग उखाड़कर ले गए हैं। पांच साल से अस्पताल में पशु चिकित्सक की तैनाती नहीं हुयी है। असल में कोई भी पशु चिकित्सक अजीतमल में तैनाती नहीं चाहता। आए दिन इलाज के अभाव में पशु मरते रहते हैं। न ही प्रशासन इस पर नजर करता है और न ही पशु चिकित्सा से जुड़े अधिकारी। गांव सांसद का है तो उनकी भी जिम्मेदारी बनती है, लेकिन वह भी अस्पताल को भूल बैठे हैं। मामले में पशु चिकित्सा अधीक्षक ओपी कुलश्रेष्ठ का कहना है कि भूसा भरने वाले तथा सरकारी सबमर्सिबल खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।