एक अधिकारी ने बताया, "नागपुर में 1984 में अंतिम बार अमरावती के वानखेड़े भाइयों को फांसी दी गई थी जो सीरियल हत्यारे थे।" जेल में फांसी देने के लिए बने प्लेटफार्म की मरम्मत से लेकर एक शेड के निर्माण तक हर तैयारी की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि याकूब को 21 जुलाई से काल कोठरी में रखा गया है।
इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। एक अधिकारी ने कहा, "काल कोठरी में वह अकेला है और हम उसे ऐसी कोई चीज नहीं दे रहे हैं जिससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सके। जब उसे याचिका खारिज होने की खबर दी गई तो वह बेचैन हो गया और उस दिन खाना नहीं खाया था।"
कारागार अधिकारियों ने आतंकी हमले की आशंका के चलते जेल के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की है। नागपुर का यह वही जेल है जहां से चार आरोपी दीवार तोड़कर भाग गए थे।