चेन्नई। के. प्रथिका याशिनी के पास देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने का मौका है। मद्रास हाईकोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में याशिनी को पुलिस सब-इंस्पेक्टर की शारीरिक परीक्षा में हिस्सा लेने की अनुमति दी है। उत्तीर्ण होने पर वे यह पद पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर होंगी।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस टीएस शिवगंगनम ने पहली बेंच ने तमिलनाडु यूनिफॉर्म सर्विसेस रिक्रूटमेंट बोर्ड (TNUSRB) को निर्देश दिया है कि याशिनी को आगामी 5 अगस्त को होने वाले फिजिकल टेस्ट में शामिल किया जाए।
इससे पहले 23 मई 2015 को याशिनी ने लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी।
याशिनी ने 2014 के सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को अपनी याचिका का आधार बनाया था, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया था कि ट्रांसजेंडरों को सामाजिक तथा शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग के रूप में मान्यता देने की दिशा में कदम उठाए जाएं। साथ ही उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए सभी तरह के आरक्षण के दायरे में लाया जाए।
ऐसा है याशिनी का जीवन
– याशिनी के बचपन का नाम के. प्रदीप कुमार है। कोयंबतुर से कम्प्यूटर एप्लिकेशन में पीजी करने से पहले तक वह प्रदीप रही।
– उनके मुताबिक, कॉलेज में जाने के बाद ही मैं लिंगपरिवर्तन कराने के लिए डॉक्टर के पास जाने का साहस जुटा पाई। तब ही पुष्टि हुई कि मैं ट्रांसजेंडर हूं।