उन्होंने बताया कि यह कृषि क्षेत्र के लिए चार बिंदुओं सिंचाई, बुनियादी ढांचा, ब्याज दर और बीमा का हिस्सा है। हमें कृषि उपज आय बीमा पर ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए सरकार इस दिशा में ध्यान दे रही है। केंद्रीय मंत्री यहां अपने गोद लिए हुए गांव के दौरे पर आए थे।
इससे पहले उन्होंने यहां कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय में कृषि वैज्ञानिकों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों को बीमा योजना लागू करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए क्योंकि इसके लिए विपुल संसाधन की दरकार है।
केंद्र सरकार 8,50,000 करोड़ रुपये देने जा रही है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा। उन्होंने जानकारी दी कि ब्याज दर कम करने पर भी सरकार विचार कर रही है और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया है।