जिले में निवास करने वाले एपीएल राशन कार्डधारकों को राज्य शासन ने मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। प्रति राशन कार्ड दो लीटर मिलने वाले मिट्टीतेल की आपूर्ति भी इस महीने से बंद कर दी गई है। एपीएल राशन कार्डधारकों के हिस्से का मिट्टीतेल अब अनुसूचित क्षेत्रों में ले जाया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशों पर गौर करें तो अनुसूचित क्षेत्र के राशन कार्डधारकों को अब प्रति कार्ड तीन लीटर मिट्टीतेल की आपूर्ति की जाएगी। इसी तरह गैर अनुसूचित क्षेत्र के राशन कार्डधारकों को प्रति कार्ड दो लीटर तेल मिलेगा। नगरीय निकाय क्षेत्रों में रहने वाले कार्डधारकों के लिए भी यही व्यवस्था लागू रहेगी। मसलन, शहरी बीपीएल राशन कार्डधारियों को प्रति कार्ड हर महीने दो लीटर तेल दिया जाएगा।
शहरी इलाकों में ऐसे होगा वितरण
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशों के तहत शहरी क्षेत्रों में राशन दुकान संचालकों के अलावा खाद्य विभाग लाइसेंसी हॉकर को भी मिट्टीतेल का आवंटन करेगा। प्रत्येक हॉकर को हर महीने 600 लीटर मिट्टीतेल दिया जाएगा। ये संबंधित वार्ड की राशन दुकान के सामने खड़े होकर राशन कार्डधारकों को मिट्टीतेल का वितरण करेंगे। कार्डधारकों की सूची हॉकरों को राशन दुकान संचालक उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए रजिस्टर मेंटेन करेंगे। किस कार्डधारक को कितना मिट्टीतेल का वितरण किया गया, इसका पूरा हिसाब रजिस्टर में रखेंगे। महीने के अंतिम दिन खाद्य विभाग द्वारा जारी निर्धारित प्रपत्र-एक में पूरी जानकारी भरकर जमा करेंगे। जानकारी के साथ हॉकरों को घोषणा पत्र भी देना होगा। यह एक तरह से हलफनामा होगा।
जिले में कार्डधारकों की संख्या
खाद्य विभाग के अनुसार जिले में चार लाख 96 हजार 429 बीपीएल व 26 हजार 415 एपीएल राशन कार्डधारक हैं। मई महीने तक इनको प्रति महीने 8 लाख 58 हजार 500 किलोलीटर मिट्टीतेल का आबंटन किया जाता था। जुलाई से मिट्टीतेल वितरण का आंकड़ा बदल गया है। मिट्टी तेल आबंटन की सूची से एपीएल राशन कार्डधारकों के नाम को डिलीट कर दिया गया है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निर्देशों के तहत कार्डधारकों को मिट्टीतेल का वितरण करने राशन दुकान संचालकों व हॉकरों को कहा गया है। अनुसूचित क्षेत्र के लिए तय किए गए कोटे के अनुसार मिट्टीतेल का आवंटन किया जा रहा है।
जीएस पैकरा, खाद्य नियंत्रक