ग्रामीण और सरकार के लोग बहस में फंसकर रह जाते है। पन्ना से लगभग 25 किमी दूर पार्क से लगा कोटा गुंजापुर जहां बच्चे प्रतिदिन स्कूल की सफाई का कार्य करते थे। लेकिन इस समस्या का समाधान भी ग्रामीणों ने समर्थन संस्था के सहयोग एवं मार्गदर्शन से निकाल लिया।
जिसकी सभी जगह प्रशंसा हुई है। मुन्नी बाई एक मजदूर महिला है जो मजदूरी से ही अपनी आजिविका चलाती है। उनके बच्चे भी स्कूल में पढ़ते है। उन्होने गांव की बैठक में स्वयं आगे आकर स्कूल की सफाई करने की जिम्मेदारी ली और आज एक वर्ष से लगातार सफाई कर रही है।
पंचायत एवं स्कूल पिछली 15 अगस्त एवं 26 जनवरी में एक जोड़ी साड़ी देकर इनका सम्मान भी कर चुका है। ऐसी कर्मशील महिलाओं एवं समाज के लोगों को जिला स्तर पर सम्मानित कर मॉंडल प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि हर गांव में ऐसे लोग स्वेच्छा से साफ-सफाई का जिम्मा ले सके।
पुरस्कार से लोगो को प्रेरणा मिलती है और लोग इस उदाहरण को देख कर प्रेरित होते है। आज भी मुन्नीबाई स्कूल में आती है और स्कूल को मन्दिर की तरह मान कर अपना चप्पल बाहर उतारती एवं स्कूल की देहरी में पांव पड़कर सफाई का काम शुरू कर देती है। यही इनकी कर्मशीलता दिखाता है।