रिजेक्ट धान में लेबल व फर्जी सील लगा बड़े घोटाले को दिया अंजाम

अंबिकापुर (निप्र)। सरगुजा संभाग में एक करोड़ का रिजेक्ट धान किसानों को बांटने का मामला सामने आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। खबर रोकने और मामले की लीपापोती में संबंधित अधिकारी लग गए हैं।

राजपुर गेऊर बीज प्रक्रिया प्रभारी डीपी पाठक से जब मामले की जानकारी चाही गई तो उन्होंने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया कि वे अभी जिले से बाहर हैं। उन्होंने नईदुनिया से खबर नहीं प्रकाशित करने की बात कहते हुए कहा कि प्लीज दो दिन खबर रोक दीजिए वे स्वयं आकर पूरी जानकारी दे देंगे।

इस मामले की जानकारी लेने पर हड़बड़ाए बीज प्रक्रिया प्रभारी डीपी पाठक ने रिजेक्ट धान बीज को लेबल लगाकर बिक्री करा दिए जाने और रायपुर बीज विकास निगम से रिजेक्ट धान की राशि मंगा चेक वितरण के संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया।

 

बीज प्रक्रिया केंद्र में पंजीयन के आधार पर किसानों का धान उपार्जन किया जाता है। धान उपार्जन संपन्न् होने के बाद इनके द्वारा जो जानकारी दी जाती है उसमें वास्तविक उपार्जन काफी कम रहता है। यह लगभग दो से तीन हजार क्विंटल का अंतर होता है जिसमें कमाई का बड़ा खेल होता है।
बड़ी मात्रा में धान की ग्रेडिंग होने के कारण दो से ढाई हजार क्विंटल धान का हिसाब-किताब कर पाना भी मुश्किल होता है। ग्रेडिंग के दौरान किसानों का धान खराब मात्रा में लगभग पांच-छह प्रतिशत ही होता है पर बीज प्रक्रिया केंद्र में 10-12 प्रतिशत खराब बता धान काट लिया जाता है।
उक्त छोटे साइज के बीजों को किसानों को वापस करने का प्रावधान है किंतु इनके द्वारा 10-12 प्रतिशत काटे गए धान में से मात्र पांच-छह प्रतिशत ही धान किसानों को वापस किया जाता है। साथ ही ग्रेडिंग प्रक्रिया में तकनीकी रूप से कुछ प्रतिशत धान का नुकसान भी होता है किंतु बीज प्रक्रिया केंद्र में भी इसके नाम पर अधिक मात्रा में धान की कटौती की जाती है।
अलग-अलग स्थानों पर किसानों के धान की सीधे अधिक मात्रा में कटौती कर प्रक्रिया केंद्र के अधिकारी-कर्मचारी कमाई का जरिया बना रखे हैं।
ग्रेडिंग के दौरान नहीं बुलाते किसानों को
बीज प्रक्रिया केंद्र में नियमानुसार किसानों को बुलाकर उनके सामने उनके धान की ग्रेडिंग कराया जाना होता है किंतु बीज प्रक्रिया केंद्र में कभी भी ग्रेडिंग के दौरान किसानों को बुलाया नहीं जाता न ही सूचना ही दी जाती है। ऐसे में किसान के मेहनत की कमाई का लंबे समय से वारा-न्यारा किया जा रहा है।
40 से अधिक किसानों को दे दिया चेक
बीज प्रमाणीकरण संस्था रायपुर से रिजेक्ट लगभग छह हजार क्विंटल धान जो अमानक बीज के रूप में था, उसका मानक बीज दर के हिसाब से लगभग एक करोड़ से अधिक की राशि रायपुर बीज विकास निगम से मंगाकर किसानों को चेक के माध्यम से वितरित कर दिया गया, इससे बीज विकास निगम को भी सीधा नुकसान पहुंचाया गया है। इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है क्योंकि उनका धान बीज रायपुर के बीज प्रमाणीकरण संस्था से रिजेक्ट किया गया है इसकी जानकारीबीज प्रक्रिया प्रभारी द्वारा नहीं दी गई थी। किसानों को यह कहकर चेक दिया गया कि उनका बीज मानकों के अनुरूप है।
कृषि विभाग से मिल सकता था 30 लाख अनुदान
बीज उत्पादन कृषि विभाग के माध्यम से किसानों से कराया जाता है। प्रोत्साहन स्वरूप किसानो को प्रति क्विंटल 500 रुपए अनुदान दिया जाता है। ऐसे में रिजेक्ट छह हजार क्विंटल धान को बीज प्रक्रिया केंद्र द्वारा मानक बता कृषि विभाग से भी 30 लाख रुपए अनुदान झटकने की तैयारी थी। यह मामला उजागर होने के बोद अब कृषि विभाग भी लगभग 30 लाख रुपए अनुदान देने से अपना हाथ पीछे खींच लेगा जिससे बीज निगम को सीधे-सीधे अनुदान का नुकसान होगा।
विधानसभा में उठेगा मामला- टीएस
राज्य विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने इस मामले की जानकारी मिलने पर कहा कि यह सरगुजा संभाग के किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। वे इस मामले को विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाएंगे। यह अत्यंत गंभीर मामला है यदि बीज प्रक्रिया केंद्र में ही गुणवत्ताहीन धान बीज को सही बताकर वितरण कराया जाएगा तो किसान कहां से अच्छा बीज प्राप्त करेगा और बेहतर खेती और उत्पादन कर सकेगा।
इनका कहना है
मुझे इसकी जानकारी नहीं है। यदि रिजेक्ट बीज को गेऊर बीज प्रक्रिया केंद्र के जिम्मेदार लोगों के द्वारा फर्जी तरीके से बंटवा दिया गया है तो वे इसकी तत्काल जांच कराएंगे। गेऊर बीज प्रक्रिया केंद्र के प्रभारी से जानकारी लेंगे, यदि यह मामला सही है तो निश्तिच रूप से कार्रवाई होगी।
अमृत खलखो एमडी, बीज विकास निगम रायपुर
जानकारी ले रहे
इस मामले की एक शिकायत उन तक पहुंची है, वे मामले की जानकारी ले रहे हैं और जांच भी कर रहे हैं। प्रदेश भर के अधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई है, सबसे पूछताछ होगी। रिजेक्ट किए गए बीज को यदि वितरित कराया गया है तो यह पूरी तरह गलत है। वे मामले की जांच अपने स्तर से करेंगे और जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे। रायपुर बीज प्रमाणीकरण संस्था में गेऊर प्रक्रिया केंद्र राजपुर से आया ध्ाान बीज क्यों रिजेक्ट किया गया इसकी भी जांच करेेंगे।
एमके चंद्राकर एमडी, बीज प्रमाणीकरण संस्था रायपुर

 

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