दुनिया में भूख से रोज मरते हैं 20 हजार बच्चे

आज पूरा विश्व भूख, पानी और रोजगार जैसी विशेष जरूरतों के लिए परेशान है। जहां कुछ देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके हैं तो कुछ भूखमरी और पानी के लिए तरस रहे हैं। फिर भी विश्व में 1.3 बिलियन टन भोजन की किसी न किसी कारण बर्बादी होती है। यह मात्रा मानव उपयोग के लिए तैयार किए गए कुल भोजन की लगभग एक तिहाई है। बता दें कि दुनिया के सात लोगों में से एक को हर रोज भूखे सोना पड़ता है। पांच साल से छोटे लगभग 20 हजार बच्चे हर रोज भूख के कारण दम तोड़ देते हैं। दुनिया के 870 मिलियन लोग कुपोषण का शिकार हैं। इन सब बुरे हालात के बीच एक और समस्या जो अपने पैर तेजी से जमाती जा रही है वह है विश्व की जनसंख्या। यदि इस पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो 2050 में धरती की नौ अरब आबादी को भोजन और पोषण मुहैया कराना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। 11 जून को पूरी दुनिया ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के तौर पर मनाती है। आइए हम जानते हैं विश्व के जनसंख्या का हाल और खाना-पानी जैसी मुख्य जरूरत का हाल।

 

विश्व में आबादी का हाल
– 7.30 अबर है पूरी दुनिया की जनसंख्या
– 1.40 अरब चीन की आबादी है, जो इस मामले में पहले नंबर पर है
– 1.28 अरब भारत की आबादी है, जो दुनिया में दूसरे पायदान पर जमा है
– 03 नवंबर को अमेरिका की कुल जनसंख्या 32 करोड़ हो जाएगी
– 20.26 करोड़ की आबादी है ब्राजील की और 25.36 करोड़ इंडोनेशिया की 
– 4.2 करोड़ आबादी इस साल अब तक बढ़ चुकी है दुनिया की
– 47 प्रतिशत आबादी भारत, चीन, अमेरिका, ब्राजील और इंडोनेशिया में बसती है।

 

 

ये है विस्थापितों का हाल
– 2005 में 375 लाख अपने देश से विस्थापित हुए थे।
– 2015 में यह आंकड़ा 600 लाख के ऊपर पहुंच चुका है।
– 13 लाख लोग सिर्फ खाड़ी देशों से गत वर्ष में हुए विस्थापित

 

 

…तो पानी पड़ जाएगा कम
– 01 हजार क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध था प्रति व्यक्ति 2011 तक
– 17 क्यूबिक पानी की जरूरत है भारत में वर्तमान में
– 03 से 04 हजार क्यूबिक मीटर पानी 1951 में था उपलब्ध
– 75 प्रतिशत गिरावट आई है 60 वर्षों में पानी की उपलब्धता में
– 50 फीसदी की गिरावट आएगी 2030 में राष्ट्रीय स्तर पर पानी की उपलब्धता में
– राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात में सिर्फ 20 प्रतिशत पानी उपलब्ध।

 

 

– दुनिया में कितने भूखे
– 19.40 करोड़ भूखे लोग हैं भारत में
– 1990-92 में दुनिया में एक अरब लोग भूखे थे
– 2014-15 में यह संख्या घटकर 79.50 करोड़ हो गई

 

 

– क्या काम करते हैं दुनिया के लोग
– 1.9 अरब हैं युवा और बच्चे (0-15 वर्ष) 
– 1.7 अरब करते हैं सरकारी नौकरी
– 1.4 अरब लोग खेती का करते हैं काम
– 08 करोड़ लोग औद्योगिक क्षेत्र में करते हैं काम
– 5.77 करोड़ लोग हैं दुनिया में वृद्ध
– 4.3 करोड़ लोग हैं दुनिया में बेरोजगार
– 04 करोड़ लोगों के पास है खुद का व्यापार

 

 

– 120 रुपये/ दिन के खर्च पर कट रही जिंदगी
– नाईजीरिया के 80 प्रतिशत लोग दो डॉलर में एक दिन काटने को मजबूर
– बांग्लादेश के 39 प्रतिशत लोग हैं इससे प्रभावित
– 20 प्रतिशत भारतीय 120 रुपये/ दिन के खर्च में जी रहे जिंदगी
– 12 प्रतिशत चीन के लोग और सात फीसदी ब्राजीलवासी दो डॉलर में गुजारते हैं दिन
– 02 प्रतिशत अमेरिकी दो डॉलर/प्रति दिन के हिसाब से जी रहे हैं

 

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